चंडीगढ़: 18 , अरे.विक्रमा शर्मा : हर इन्सान रब दी सन्तान है और कोई भी खुदा डा बन्दा बुरा नहीं है नहीं होता है बुराई के पुतले तो हम खुद हैं हमको खुद को संवारना चाहिए ये आध्यात्मिक कल्याणकारी उपदेश राजपुरा में निरंकारी महा सम्मेलन में प्रवचनों से बेशुमार साध संगत को निहाल करते हुए संत निरंकार महाराज बाबा हरदेव जी ने दिये! महाराज ने हंसते हुए बुराई का नाश कर अच्छाई को अपनाने की बात कही! महाराज ने भक्ति को ही इंसान की असली शक्ति कहा !महाराज हरदेव जी ने समाज सेवा को पवित्रता का तोहफा माना और सब के साथ सान्झा करने को कहा ! ओपन गाडी में सवार होके संगत को दर्शन दिये और चित किल्टी हंसी से सब को निहाल करते हुए महाराज जी ने शान्ति का पैगाम देते सफेद रंग के दर्जनों गुव्वारे नीले आसमान में छोडे! महाराज जी ने कहा की हल्की चीज का कोई पक्का ठिकाना नहीं होता उसी तरह हल्की सोच भावना का भी कोई आधार नहीं बनता है! सफेद यानि सच्चाई हमेशा ऊँची उठती है ! और दूर से भी सब को दिखाई दे जाती है! बे अथाह आसमां में भी उसको देखा जा सकता है सो अपने गुणों के गुव्वारे सब और छोड़ें तो अच्छा है!