चंडीगढ़ : आर.के विक्रमा शर्मा
पंजाब के इकलौते कहे और जाने जाते शक्तिपीठ माता जयंती देवी के पौराणिक और ऐतिहासिक मन्दिर जो कि ६०० वर्ष से भी ज्यादा पुराना कहा जाता है पंजाब सरकार और पर्यटन विभाग सहित समाज सेवी धार्मिक संस्थाओं की घोर अनदेखी के चलते
मन्दिर का आस्तित्व ही खतरे में है! मन्दिर थोड़ी सी ही बरसात में मलबे के ढेर में तब्दील हो सकता है! ये इकलौता शक्तिपीठ मन्दिर कैसे के जवाब में मन्दिर के पुजारी चन्द्र मुनि और ॐ परकाश जी ने बताया कि ये अपनी तरह का इकलौता शक्तिपीठ है क्योंकि मन्दिर
में वास करने वाली माता श्री जयंती देवी जी सभी शक्ति स्वरूपिणी मातायों में सबसे छोटी माता यानी इन सबकी बहिन है! देवीय शास्त्रों के मुताबिक किसी भी तरह कि भूल चुक और मन्नत, मुराद, सुखना आदि के पूरा ना कर पाने पर देवीय कोप से रक्षा हेतु अपनी भेंट इसी शक्ति माता द्वरा अपने इष्ट तक पहुंचाई जा सकती है! मन्दिर इक टीले पर स्थापित है और टीले का भूमि कटाव पिछले कई सालों से जारी रहने से मन्दिर के मुख्य भवन को खतरा बन चूका है! भले ही मन्दिर के पुजारी और आस्थावानों ने मन्दिर को बचाने का क्रम जारी किया हुआ है जोकि ऊंट के मुहं में जीरा के बराबर ही है! हमारे ब्यूरो ने मन्दिर का दौरा किया तो पाया कि जारी बचाव कार्य नाम के बराबर हैं! इस मौके पर हिंद संग्राम परिषद के राष्ट्रिय महा सचिव विष्णु मोहन विक्रांत शर्मा ने बताया कि मन्दिर के रखरखाव पर कितना दहन खर्च हुआ इसका तो हिसाब हर कोई बताता है पर कितना चढावा चढ़ा कोई बताने को तैयार ही नहीं होता है! पुराने सरपंच मुल्लांपुर गुरविंद्र सिंह ने बताया कि अभी तक जो भूमि कटाव को रोकने के उपाय किये गये ये सब आस्थावानों के धन दान से ही सम्भव बन पड़ा है पर अभी भी दस लाख रूपये की ग्रांट या आर्थिक मदद चाहिए ! दशक पुर भी मन्दिर को खतरा पैदा हुआ था तो तत्कालीन मंत्री जगजीत सिंह कंग (कांग्रेसी लीडर) ने तकरीबन चार लाख रूपये की आर्थिक मदद मुहैया करवाई थी! हिसंप के युवा महासचिव (राष्ट्रिय) विष्णु मोहन विक्रांत शर्मा और धर्म दक्ष विद्वान् पडित राम कृष्ण शर्मा ने कहा कि कोई भी दानी सज्जन एन.आर.आई. या शिअद+भाजपा मंत्री या स्थानीय विधायक व् कांग्रेसी नेता बलबीर सिंह सिद्धू, जिला योजना बोर्ड के चेयरमेन पंडित नरेंद्र कुमार शर्मा से भी इस बाबत मांग प्रस्तुत की जावेगी!इस मन्दिर में सभी नवरात्रों और पूर्णमासी के दिवसों को मेले व् भंडारे आयोजित किये जाते हैं! इस दफा सत्रह और अठाराह फरवरी २०११ को माता जी के बड़े मेले का भव्य आयोजन किया जावेगा!