कोरोना काल में संघ के 5.60 लाख स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुटे थेप्रत्येक मंडल तक संघ कार्य पहुंचे, अगले तीन वर्षों की योजना पर होगी चर्चा
बेंगलूरु. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि प्रतिऩिधि सभा की बैठक वार्षिक होती है, और इसमें हम वर्ष भर के संघ कार्य का सिंहावलोकन करते हैं, तथा अगले साल की तैयारी करते हैं. इस बार सरकार्यवाह का चुनाव भी होने वाला है, तो अगले तीन वर्ष की संघ कार्य की योजना पर भी बैठक में चर्चा होगी. डॉ. मनमोहन वैद्य बेंगलूरु में दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के उद्घाटन के पश्चात बैठक में चर्चा में आने वाले विषयों के संबंध में मीडिया को जानकारी दे रहे थे.
कोरोना के कारण मार्च माह से जून तक संघ का कार्य पूर्ण बंद था, शाखाएं बंद थीं. जुलाई से धीरे-धीरे शाखाएं लगना प्रारंभ हुई थीं. शाखाएं बंद थीं, लेकिन संघ स्वयंसेवक सक्रिय थे. कोरोना के कारण निर्मित आपदा में समाज की सहायता के लिए पहले दिन से ही देशभर में स्वयंसेवक सक्रिय थे. अन्य देशों में जहां वेलफेयर स्टेट प्रभावी है, वहां स्टेट मशीनरी ही सक्रिया होता है. लेकिन यह भारत की विशेषता है कि यहां सरकारी, प्रशासन की सेवाओं के साथ-साथ समाज भी सहयोगी था. बाढ़, भूकंप में सेवा करना अलग बात है, लेकिन कोरोना काल में संक्रमण के खतरे के बावजूद बड़ी मात्रा में सेवा कार्य किया.