[ललितमोहन 2 जनवरी, 2013]
वही दुनिया वही हाल
क्या नया सालक्या गया साल
होठों पे हँसी दिलमें मलाल
क्या नया सालक्या गया साल
कलसे उम्मीदआजसे सवाल
क्या नया सालक्या गया साल
परपंची उड़ायें दावतसचवाले हलाल
क्या नया सालक्या गया साल
झूठे मालामालमेहनतकशकंगाल
क्या नया सालक्या गया साल
तिकड़मका बोलबाला ईमानदारी बेहाल
क्या नया सालक्या गया साल
बेवकूफों का जश्नज्ञानी की कच्ची दाल
क्या नया सालक्या गया साल
चोरों के मुंहमें मेवे साधू फाकेहाल
क्या नया सालक्या गया साल
ढोंगी के हिस्से चादर, विद्वानके हिस्से रुमाल
क्या नया सालक्या गया साल
बदमाशका बालनबांका, निर्बलकी खिंचे खाल
क्या नया सालक्या गया साल
राक्षशों की विजयदेवता खस्ता हाल
क्या नया सालक्या गया साल
कलसे उम्मीदआजसे सवाल
क्या नया सालक्या गया साल
होठों पे हँसी दिलमें मलाल
क्या नया सालक्या गया साल
वही दुनिया वही हाल
क्या नया सालक्या गया साल