देहरादून : “पलायन एक चिंतन” दल की सम्मानित सदस्य कोट-कंडारा चमोली की 26 वर्षीय दिव्या रावत ने अपनी मेहनत और कौशल के दम पर मशरूम उत्पादन का अपना सफल उद्योग खड़ा किया है। पहाड़ से नौकरी की तलाश में पलायन करने वालों के सामने यह स्वावलंबन का एक बेमिसाल उदाहरण हैं।
बंदरों और जंगली सूअंरों के आतंक से बर्बाद हो चुकी खेती के एक मजबूत विकल्प के रूप में आज तेजी से पहाड़ों के किसान और नौजवान दिव्या के सहयोग से मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।पौडी, चमोली, केदारघाटी, प्रतापनगर जैसे आपदा और पलायन से प्रभावित ग्रामीण दिव्या रावत के सहयोग से मशरूम उत्पादन की अनेक यूनिट स्थापित कर चुके हैं।
निःस्वार्थ और निःशुल्क सेवा भाव से दिव्या गाँव गाँव जाकर कम बजट वाला और बेहतरीन गुणवता के बीज उपलब्ध करा के मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दे रही हैं। वे संपूर्ण पहाड़ की आजीविका को मशरूम उत्पादन से जोड़ने के संकल्प के साथ निरंतर आगे बढ़ रही हैं।
हम समस्त राज्यवासी माननीय मुख्यमंत्री हरीश रावत जी का आभार प्रकट करते हैं। छोटी छोटी नौकरीयों की तलाश में पहाड़ों से शहरों की तरफ हो रहे पलायन को रोकने के लिये एक जमीनी प्रयास करने वाली पहाड़ की इस बेटी, इस बहन को रक्षाबंधन के पर्व पर राज्य सरकार द्वारा सम्मान देने की इस पहल का हम स्वागत करते हैं।