काश मैं एक यहूदी होता और अपने देश इजराइल के लिए लड़ सकता!
मुझे शर्म आती है अपनी नपुंसकता पर जब मैं स्वयं को हिन्दू लिखता हूँ और कहता हूँ मैं भारत में रहता हूँ ।
कभी कश्मीर, कभी केरल, कभी बंगाल, कभी असम, कभी यूपी तो कभी बिहार में मुझे रोज़ हिन्दू होने की कीमत चुकानी पड़ती है। ना मेरे कोई मौलिक अधिकार है ना कोई पैरवी। मैं मृत हूँ क्योकि इस संविधान में मैं हिन्दू हूँ।
मेरे घर, मेरे व्यवसाय को रोज़ जलाया जाता है, मेरी बहन-बेटी की सरेआम इज़्ज़त लूटी जाती है पर मैं चुप रहता हूँ क्योकि मैं नपुंसक हिन्दू हूँ। हे प्रभु मुझे शक्ति दे कि मैं लड़ सकूँ अपने जैसे नपुंसक हिंदुओ के लिए।