देहरादून से चन्द्रशेखर जोशी की विशेष रिपोर्ट : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने अपने एक बयान में कहा है कि कांग्रेस पार्टी का मनोबल गिरा हुआ है। वही दूसरी ओर उत्तराखण्ड में सत्तारूढ कांग्रेस द्वारा जाने अनजाने में कांग्रेस का मनोबल गिराने वालों को तवज्जो देने की नीति अमल में लाई जा रही हैं, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गॉधी से लम्बी लडाई लडने वाले बाबा रामदेव को कांग्रेस उत्तराखण्ड में विशेष तवज्जो दे रही है, प्रमुख समाचार पत्रों की रिपोर्टके अनुसार उत्तराखंड सरकार ने चारधाम और वर्ष भर चलाई जाने वाली यात्राओं की ब्रांडिंग के लिए रामदेव एंड कंपनी को सरकारी हेलीकॉप्टरों से केदारधाम भेजकर वहां पूजा-पाठ करवाया। यात्रा को ज्यादा से ज्यादा प्रचार मिले, इसके लिए दिल्ली से न्यूज चैनलों को भी बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि बाबा मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुरोध पर केदारनाथ आए थे। मुख्यमंत्री के खासमखास औद्योगिक सलाहकार रंजीत रावत मोदी के नवरत्नों में शामिल रामदेव और अन्य संतों को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से केदारनाथ ले गए। बदली भूमिका के बारे में सवाल दगे तो बाबा बोले-हरीश रावत ने पहल की तो हमने भी हाथ बढ़ा दिया। बाबा की यात्रा का कार्यक्रम मंगलवार देर रात बना। बाबा ने मुख्यमंत्री के निमंत्रण को एकाएक स्वीकार कर सभी को चौंका दिया। बुधवार सवेरे बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दिल्ली से आए मीडिया के साथ केदारनाथ पहुंचे। बाबा ने तीर्थ पुरोहितों से भी वार्ता की। केदारनाथ मंदिर में पूजा-पाठ के बाद मंदिर परिसर स्थित हवन कुंड में यज्ञ किया। करीब दो घंटे केदारनाथ में बिताने के बाद वह हरिद्वार लौट आए। बाबा के साथ हेलीकॉप्टर से जाने वालों में दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत मोहन दास तथा शिवानंद भारती थे। रामदेव ने केदारधाम में किए जा रहे विकास कार्यों की प्रशंसा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त धन दिलाने का आश्वासन भी दिया। गौरतलब है कि मात़ सदन के संत स्वामी शिवानंद सरस्वती जी महाराज से परहेज क्यों किया गया, उन्हें महज इसलिए दूर कर दिया गया कि वह हरिद्वार में अवैध खनन के सख्त विरोधी है जिसे सूबे के मुखिया को यह पसंद नही है,
वही दूसरी ओर यह जनचर्चा है कि उत्तराखंड में सत्तारूढ कांग्रेस की सूइसाइड की ओर अग्रसर हैं , मुख्यमंत्री जी हाल ही में मौत के मुंह से निकले हैं। इससे उनमें जहां नैतिकता तथा सूबे से प्रेम में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी वही वह लक्ष्मी प्रेम में ज्यादा अग्रसर हो रहे हैं। देखा जाए तो अब समय उनके हाथ से निकल चुका है, बौद्धिक और नैतिक लोगों को जोडने में असफल रही है हरीश रावत सरकार । मुख्यमंत्री के रोज आ रहे विपरीत सार्वजनिक बयानों से साफ है कि मुख्यमंत्री दुविधा और भ्रम में हैं।
ज्ञात हो कि उत्तराखंड में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी के साथ ही प्रदेश के ऊंचे इलाके में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। बदरीनाथ धाम के आसपास की चोटियों पर बर्फबारी का नजारा है। बदरीनाथ धाम के ठीक पीछे की पहाड़ियों पर बर्फ पड़ी है। बर्फबारी के साथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने के 9 माह बाद भी हरीश रावत केदारनाथ में निर्माण कार्यो में तेजी लाने में असफल साबित हुए है, इसलिए कांग्रेस सुप्रीमों श्रीमती सोनिया गॉधी के धुर विरोधी रहे बाबा रामदेव से राज्य सरकार की प्रशंसा कराने की रणनीति उत्तराखण्ड की कांग्रेस सरकार अमल में लायी है, तभी योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने 22 अक्टूबर बुधवार को केदारधाम पहुंचकर दीपावली की पूजा अर्चना की और हरीश रावत सरकार की तारीफ कर दी।