विकास वर्मा : धर्म परिवर्तन लालच या धोखे से नही आपितु वह हिन्दू समुदाय जो जातिगत आधार पर हिन्दू मुख्यधारा मे नही लाये जा रहे वही इस पलायन मे उतर रहे है और रही बात घर वापसी की तो मुस्लिम मे जायेगा तो मुस्लिम कहलायेगा ईसाइयों मे जायेगा तो ईसाई कहलायेगा परन्तु हिन्दू धर्म मे जायेगा तो क्या कहलायेगा ,ब्राह्मण ,शुद्ध ,क्षत्रिय,राजवंशी या मलिन ?
एक मित्र के कथन पर जिनका कहना है की मुसलमान भारत हित मे सोच रहे है या सोचेंगे और तस्वीर बदल जायेगी ! ईश्वर करे आपका कथन सत्य रहे ! पर द्वितीय यह है कि आप यह कथन कहते हुये हिन्दू समुदाय पर औरंगजेब के क्रार्यकाल हुये कत्लेआम को वर्तमान मे पुर्नाव्रर्ती होता नही देख पा रहे ! मेरा अपना मत है कि ऐसा कदापि नही हो सकता वह सर्व धर्म स्वभाव को स्वीकार करे! मुसलमानों की नजर मे गैर मुसलमान हमेशा काफिर रहा है और वह हम हिंदुओं को हमेशा अपने जेहाद मे कत्ल करते रहे है और आगे भी करते रहेंगे पर वहाँ जहा वह बहुसंख्यक है आप वह क्षेत्र ना देखे जहाँ वह अल्पसंख्यक है आप देखे काश्मीर ,पश्चिम बंगाल ,आसाम ,पश्चिम उत्तर प्रदेश ,पाकिस्तान ,बाग्लादेश ,आफ्गानिस्तान जहा हिन्दू लगभग शून्य है और कारण हिंदुओं का संगठित ना होना
विकास वर्मा : धर्म परिवर्तन लालच या धोखे से नही आपितु वह हिन्दू समुदाय जो जातिगत आधार पर हिन्दू मुख्यधारा मे नही लाये जा रहे वही इस पलायन मे उतर रहे है और रही बात घर वापसी की तो मुस्लिम मे जायेगा तो मुस्लिम कहलायेगा ईसाइयों मे जायेगा तो ईसाई कहलायेगा परन्तु हिन्दू धर्म मे जायेगा तो क्या कहलायेगा ,ब्राह्मण ,शुद्ध ,क्षत्रिय,राजवंशी या मलिन ?
एक मित्र के कथन पर जिनका कहना है की मुसलमान भारत हित मे सोच रहे है या सोचेंगे और तस्वीर बदल जायेगी ! ईश्वर करे आपका कथन सत्य रहे ! पर द्वितीय यह है कि आप यह कथन कहते हुये हिन्दू समुदाय पर औरंगजेब के क्रार्यकाल हुये कत्लेआम को वर्तमान मे पुर्नाव्रर्ती होता नही देख पा रहे ! मेरा अपना मत है कि ऐसा कदापि नही हो सकता वह सर्व धर्म स्वभाव को स्वीकार करे! मुसलमानों की नजर मे गैर मुसलमान हमेशा काफिर रहा है और वह हम हिंदुओं को हमेशा अपने जेहाद मे कत्ल करते रहे है और आगे भी करते रहेंगे पर वहाँ जहा वह बहुसंख्यक है आप वह क्षेत्र ना देखे जहाँ वह अल्पसंख्यक है आप देखे काश्मीर ,पश्चिम बंगाल ,आसाम ,पश्चिम उत्तर प्रदेश ,पाकिस्तान ,बाग्लादेश ,आफ्गानिस्तान जहा हिन्दू लगभग शून्य है और कारण हिंदुओं का संगठित ना होना
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