देहरादून। आखिर वो दिन भी आया और चकबन्दी कार्यकर्ताओं का खुशी का ठिकाना न रहा जब पहाड़ी राज्य उत्तरखण्ड के भविष्य को संवारने के लिए 01 मार्च को सांय 6.00 बजे देहरादून के गाधी पार्क में अखिल गढ़वाल सभा के सहयोग से गरीब क्रान्ति एक आन्दोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित चकबन्दी दिवस की प्रथम वर्षगांठ पर मैती आन्दोलन के संस्थापक कल्याण सिंह रावत, गढ़वाल सभा के अध्यक्ष टी.एस असवाल.महासचिव रोशन धस्माना,सांस्कृतिक सचिव उदय शंकर भट्ट,नाबार्ड के पूर्व महाप्रबन्धक डाॅ बी.पी नौटियाल.पूर्व उपजिलाधिकारी शशिधर भट्ट,पूर्व बन्दोवस्त अधिकारी चकबन्दी कुँवर सिंह भण्डारी,किसान सभा के अध्यक्ष बच्ची राम कौंसवाल,उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती,श्रमजीवी पत्रकार यूनियन उत्तराखण्ड के अध्यक्ष मनमोहन लखेड़ा,राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डाॅ दिनेश चन्द्र बलूनी,डाॅ अरूण कुकशाल,डाॅ सावित्री काला,पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ आर.के.पंत प्रसिद्ध समाजसेविका द्वारिका बिष्ट, से.नि.सूबेदार खुशहाल सिंह बिष्ट,वरिष्ठ पत्रकार दिनेश डोभाल,पत्रकार विजेन्द्र यादव, ब्रह्ाकमल पत्रिका के प्रकाशक तिलक राज,बिहारी लाल भट्ट,हेमवती नंदन कुकरेती,कमल नेगी,बबीता नेगी सहित जनसरोकारो से जुड़े व्यक्तियों ने चकबन्दी के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए शुरू की गई मुहिम गरीब क्रान्ति (एक आन्दोलन) के साथ होकर 07 बजे लोगों द्वारा हाथ में मोमबत्ती जलाकर चकबन्दी आन्दोलन को सफल बनाने को लेकर संकल्प लिया गया और ये संदेश दिया कि गणेश गरीब तुम्हारा ये त्याग हम व्यर्थ नही जाने देगे,और हमें इसको मंजिल तक पहुँचाना होगा।
कार्यक्रम का संचालन गरीब क्रान्ति के सयांेजक कपिल डोभाल द्वारा चकबन्दी आन्दोलन के प्रणेता गणेश गरीब के जीवन के पहलुओं को छूते हुए और ‘‘तू होलि बीरा ऊँचि निसि डांडियूँ मा घसियारी का भेष मा,‘‘म्यारा उत्तराखण्ड का दिन भि कभी आला, यू रूखा डांडो मा फल फूल खिल्यां राला और ‘‘उठा जागा उत्तराखण्डयूँ सौं खाणौ बग्त अैगे’’ गीतों द्वारा किया गया। इसके बाद शशिधर अमोली द्वारा चकबन्दी दिवस पर रचित गीत श्री गणेश ब्वालो,जय गणेश ब्वालो, गुरू गणेश ब्वालो, श्री गणेश ब्वालो,यंीं मातृ भूमि थै सिर नवाई ब्वालो,जय गणेश ब्वालो श्री गणेश ब्वालो………….. का पाठ किया गया। पूर्व उपजिलाधिकारी शशिधर भट्ट द्वारा रचित गीत ‘‘क्यों उजाले गुम गये हैं पहाड़ो के गांव के,घर हैं खण्डर खेत बंजर पहाड़ों के गांव के’’ को सुनकर कार्यक्रम मे मौजूद जनसमूह भाव विभोर हो उठा और उत्तराखण्ड के भविष्य को लेकर चिंतित दिखा। सभा के अध्यक्ष टी.एस असवाल ने कहा कि ये अकेले व्यक्ति की नही हर उत्तराखण्डी की लड़ाई है और जनजागरण के लिए अखिल गढ़वाल सभा हर स्तर पर सहयोग प्रदान करेगा। कार्यक्रम में कल्याण सिंह रावत,डाॅ बी.पी.नौटियाल.बच्ची राम कौसवाल.द्वारिका विष्ट,रोशन धस्माना,चतुर सिंह नेगी आदि वक्ताओं ने चकबन्दी और उत्तराखण्ड की दशा दिशा पर अपने वक्तव्य दिये। चकबन्दी दिवस की प्रथम वर्षगांठ के समापन पर गरीब क्रान्ति के संयोजक कपिल डोभाल द्वारा गत वर्ष चकबन्दी दिवस की स्थापना पर विशेष योगदान देने वाले साथियों के साथ ही प्रवासी उत्तराखण्डियों को धन्यवाद दिया गया जिसमें कि गोवा से अनिमेश देवली के परिवार का कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों ने तालियों के साथ स्वागत किया।