उत्तराखंड में मौसम में हुये सुधार की वजह से राहत और बचाव कार्य में तेजी आयी है। इसबीच प्रकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्य़ा बढ़कर 20 हो गई है।
जिसमें अकेले पिथौरागढ़ में ही 17 लोगोँ की मौत हुई और लोग 6 घायल है। 8 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं चमोली 3 लोगों की मौत हुई है और 4 लोग लापता हैं। बदरीनाथ राजमार्ग चौथे दिन भी नहीं खुल पाया है।
हालाकि, नंदप्रयाग- कोठियालसैण संपर्क मार्ग से बद्रीनाथ के लिए यात्रा शुरू हो गई हैं। बदरीनाथ राजमार्ग चार स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है, जबकि गंगोत्री राजमार्ग तीन जगह। बावजूद इसके चारधाम यात्रा जारी है। कुमाऊं मंडल में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। जिसमें आधा दर्जन से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए। लेकिन किसी भी प्रकार की जनहानि की खबर नहीं है।
टनकपुर-तवाघाट हाईवे सोमवार को 72 घंटे बाद महज आधे घंटे के लिए खुला और फिर मलबा आने से बंद हो गया है। मलबा हटाया जा रहा है। पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी के तल्ला जौहार स्थित भैंसकोट में पहाड़ी दरकने से तीन मकान ध्वस्त हो गए हैं। बागेश्वर के कपकोट अंतर्गत गैरखेत गांव में तीन घर मलबे की चपेट में आ गए। हालाकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं हैं।