चंडीगढ़,10 जनवरी। सेक्टर 29 स्थित गढ़वाल सभा भवन के सभागार में आयोजित एक समारोह में उत्तराखंड एेसोसिएशन,ट्रिब्यून के तत्वावधान में वक्ताओं ने सेवानिवृत्ति की उम्र को अप्रासंगिक बताया। वक्ताओं ने इस बात बल दिया कि जीवन प्रत्याशा में वृद्धि, तकनीकि संसाधनों के विकास के चलते साठ की उम्र में चालीस वर्ष जैसी क्षमता होती है। इसका आधार चिकित्सीय अनुसंधान हैं।
दरअसल, यह परिचर्चा पिछले दिनों एक्जीक्यूटिव पद से सेवानिवृत्त हुए संगठन के सदस्य खेम सिंह बेलवाल सम्मान के साथ संपन्न हुई। वक्ताओं ने कहा कि दरअसल साठ साल की उम्र के बाद जीवन की एक नई पारी शुरू होती है। इसको नई सोच, नई जीवन शैली, सामाजिक सरोकारों के साथ जीने की जरूरत होती है। यदि हम खुद हीनभाव के साथ खुद को अलग-थलग महसूस करें तो अवसाद का जन्म होता है। इस मौके पर आयोजन की शुरुआत पंडित सत्यव्रत के मंत्रोचार और संस्था के अध्यक्ष कल्याण सिंह भैंसोड़ा व रविंद्र नयाल के उद्बोधन के साथ हुई। इस मौके पर संदीप जोशी, प्रदीप तिवारी, ब्रजमोहन तिवारी, देवीदत्त कांडपाल, प्रकाश गुंसाई, पूरण सिंह गुंसाई,पवन बर्तवाल, वीरेंद्र पटवाल, तीर्थ सिंह रावत, विनोद देवशाली, शिवसिंह बिष्ट आदि ने विचार व्यक्त किये।