विजय तिवारी, भवाली, नैनीताल : नहाय- खाय के साथ ही रविवार को लोक आस्था के महा पर्व छठ की शुरूआत हो गई। अगले तीन दिनों तक शुद्ध और सात्तिवक माहौल में देवाधिदेव सूर्य और छठी मईया की आराधना होगी। नहाय- खाय के दिन व्रतियो ने कदूदू भात का प्रसाद ग्रहण किया। सोमवार को पूरे दिन उपवास के बाद शाम में व्रती रसिआव ( गुड की खीर) और रोटी का प्रसाद ग्रहण करेगी और उसके अगले 36 घंटे तक निरजला उपवास। मंगलवार संध्या घाटों पर अस्ताचल सूर्य को नमन और बुधवार शुबह उदीयमान सूर्य को अरध के सांथ व्रत का समापन होगा।
छठ पूजा पर अब पूरे उत्तर भारत में अवकाश की घौषणा पिछले वर्ष से हो गयी है। छठ पूजा अब हर जगह बनाया जाता है।
हल्द्वानी में तक लोक छठ पूजा को बड़े हर्ष उल्लास के साथ बनाते है। जो प्रायः पहले नही देखा जाता था। अब संस्कृति का आदान प्रदान हो रहा है। यह स्वच्छ मानसिकता को दिखाता है। घाटो में शुबह से ही भीड़ भाड दिखाई देती है। पूर्ण आस्था से लोग त्योहार बिहार ही नही अप्तु पूरे उत्तर भारत में लोग अपने अपने ढग से बनाने है। जिससे हम एक दूसरे ही संस्कृति को जान सके। छठ पूजा पर स्थानीय कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कर रहे है। हल्द्वानी मे कलाकार अब हर वर्ष छठ मईया के महात्मय को बताते है। बड़ी सुन्दर प्रस्तुति होती है।
मगवायी थी सडुवा ले आये सजनवा सूटवा…!
छठ मईया छठ मईया…!
आदि स्वरो से जनता को मंत्रमुग्ध कर देते है।
सूर्य। को अरघ देते समय के समय का बहुत अच्छा मंचन स्थानीय कलाकार करते है। जो एक स्वच्छ मानसिकता का परिचय है।
जिससे संस्कृति का आदान प्रदान हो सके मैं चाहता हूँ । हम एक दूसरे की संस्कृति को पहचाने क्योकि भारत वर्ष। विभिन्नताओ मे एकता का देश है। यही हमारा गौरव और पहचान है। सभी त्योहारों को हम मिलजुल कर बनाये।