REORT BY CHANDRA SHEKHAR JOSHI
उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री का नया सरकारी निवास अभिशप्त हुआ मुख्यमंत्री का सरकारी निवास ? मुख्यमंत्री के सरकारी निवास में एक धार्मिक विश्वास के तहत निवास करने से बचता है, वही जो हिम्मत करता भी है उसकी कुर्सी ज्यादा दिन तक सलामत नही रह पाती, ऐसा मिथक इस बंगले के साथ जुड गया है, मुख्यंमंत्री के रूप में निवास करने नही आये इस भवन में निवास करने से पूर्व डा0 निशंक द्वारा पूर्णतया पूजा अर्चना तथा भव्य पार्टी का आयोजन हुआ, परन्तु दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री के इस नये भवन में आते ही कुछ समय बाद उनकी कुर्सी चली गयी, और उनको मुख्यमंत्री पद से हटना पडा, इसके उपरांत डा0 निशंक को हटाकर मुख्यमंत्री बनाये गये भुवन चन्द्र खण्डूडी पूर्व सैन्याधिकारी ने इस भवन में आने से परहेज किया तथा वह इस नये भवन में वह मुख्यंमंत्री के रूप में निवास करने नही आये विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री के रूप में प्रवेश करने से पूर्व कैंट रोड स्थित मुख्यबमंत्री आवास में घर प्रवेश पर अपने परिजनों के साथ पूजा अर्चना कर अपने पूर्ण परिजनों के साथ रहना शुरू किया परन्तु शीघ्र ही उनकी कुर्सी जाती रही हरीश रावत ने भी इस भवन में आना गंवारा नही किया डालनवाला स्थित मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की पुरानी व बिल्डिंग को तोड कर मुख्यमंत्री का नया भवन तैयार किया जा रहा है हरीश रावत विगत दो सप्ता ह से दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती है, इसे भी अपशकुन से जोडकर देखा गया जिस दिन हरीश रावत का हवाई यात्रा के दौरान गर्दन में फ्रेक्चर हुआ उसी दिन उनका सबसे प्यारा कुत्ता भी स्वर्ग सिधार गया#इसी तरह दिल्ली सरकार के चार बेडरूम वाले इस बंगले की कीमत करोड़ों रुपये बताई जाती है और यह पुराने सचिवालय के काफी करीब है, लेकिन इस बंगले पर अशुभ होने का ठप्पा लग गया है- रिपोर्ट
उत्तराखण्ड राज्य गठन के उपरांत राजनीतिक दलों के नेताओं की महत्वाकांक्षाओं ने अनेक षडयंत्रों को जन्म देना शुरू किया, जिससे देवभूमि में तांत्रिक क्रियाओं का भी सहारा लेना शुरू हुआ, समय समय पर ऋषिकेश में अनेक तांत्रिक अनुष्ठान समय समय पर परचान चढे, इनमें से कई बाहर नही निकल सके, क्योंंकि इनको बाहर लाने के लिए का जज्बा सिर्फ कुछेक कलमकारों के ही पास था,
परन्तु तांत्रिक अनुष्ठान केवल अंधविश्वास ही नही है, अगर यह केवल अंधविश्वास ही होता, तो उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री अपने सरकारी निवास में रहने से नही डरता, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का सरकारी निवास अभिशप्त माने जाने लगा है, जिससे मुख्यमंत्री अपने सरकारी निवास में रहने से परहेज करने लगे हैं,
जी, हां, यह सच है कि उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पद पर विराजमान होने वाला राजनेता मुख्यमंत्री के सरकारी निवास में एक धार्मिक विश्वास के तहत निवास करने से बचता है, वही जो हिम्मत करता भी है उसकी कुर्सी ज्यादा दिन तक सलामत नही रह पाती, ऐसा मिथक इस बंगले के साथ जुड गया है,
ज्ञात हो कि उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री का नया सरकारी निवास 2009 में गढी कैन्ट में बनकर तैयार हुआ, और इसको तैयार करवाते समय इसको पूर्णतया वास्तु शास्त्र तथा पहाडी शैली से बनाया गया आधुनिक भवन बताया गया था, पूर्णतया आधुनिक शैली से बने मुख्यमंत्री के इस विशाल बंगलें में प्रवेश करते वक्त मुख्यमंत्री के पद पर डा0 रमेश पोखरियाल निशंक जी विराजमान थे, इस भवन में निवास करने से पूर्व डा0 निशंक द्वारा पूर्णतया पूजा अर्चना तथा भव्य पार्टी का आयोजन हुआ