चंडीगढ़ : आर के विक्रमा शर्मा/मोनिका शर्मा : ६–३–२०१२:—- पांच प्रदेशों में विधान सभा चुनावों में पब्लिक का फतवा आ चूका है ! वो हुआ जिसकी कल्पना नहीं थी! देश के सब से बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की ४०३ सीटों के नतीजे में समाजवादी पार्टी को २२३ व् कांग्रेस आई को ३६ बहुजन समाज पार्टी को ७८ और भारतीय जनता पार्टी को ४९ सहित अन्य आजदों को १५ सीटें मिली हैं! गोवा में ४० सीटों के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को २४ कांग्रेस को ९ अन्य ५ और यु जी डी पी को दो सीटों पर विजय मिली! मणिपुर में ६० सीटों के परिणामों में टी एम् सी को सात पी डी ऍफ़ को एक और कांग्रेस को ४३ अन्य निर्दलीय को ०९ सीटों पर विजय का ताज मिला ! उत्तराखंड में ७० सीटों के नतीजों में कांग्रेस को ३१ भारतीय जनता पार्टी को ३२ बहुजन समाज पार्टी को तीन और अन्य निर्दलियों को चार सीटों पर ताज नसीब हुआ! देश के अन्नदाता प्रदेश पंजाब में ११७ सीटों के परिणामों में अहम नतीजा ये रहा कि बादल फिर मुख्यमंत्री बनेंगे और कैप्टन ने जो राज्यपाल को मिल कर अपनी सरकार बनाने कि दावेदारी जताई थी और धरी रह गई और पी पी पी के मनप्रीत सिंह बादल को पंजाब की जनता ने स्वीकार नहीं किया है शिरोमणि अकाली दल को कुल ६८ सीटों पर जीत मिली तो कांग्रेस को सिर्फ ४६ सीटों पर संतुष्ट होना पड़ा वहीँ अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों को तीन सीटें नसीब हुईं है ! खास चेहरों में शुमार उम्मीदवार एन के शर्मा डेराबस्सी से अकाली सीट से जीत गये हैं ! शर्मा ने बागी कांग्रेसी निर्दलीय दीपेन्द्र दीप सिंह ढिल्लों को शिकस्त दी है !
मोहाली से कांग्रेस के पूर्व विजेता बलबीर सिंह सिन्धु ने इस मर्तबा भी शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार और लोक भलाई पार्टी भंग करके अकाली दल में शामिल हुए रामूवालिया को कड़ी शिकस्त देकर जीत का सेहरा अपने सर सजाये रखा ! खरड सीट से कांग्रेस के जगमोहन सिंह कंग ने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार उजागर सिंह वडाली की करारी हर दी है! उजागर सिंह वडाली शिअद सरकार में मंत्री थे पर इस बार उनका मंत्री बनने का ख्बाब पूरा ना हो पायेगा! मनप्रीत सिंह बादल के पार्टी उमीदवार और उनके पिता व् मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बड़े भाई गुरदास सिंह बादल को भी जीत नसीब ना हो पाई ! सुखवीर सिंह बादल काका जी ने अपनी सिट बड़ी जीत से जीत ली है तो कांग्रेस के भावी मुख्यमंत्री और प्र्देश्कंग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अपनी सिट निकाल ले गये पर उनके बेटे रन इंद्र सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा !