डॉ अमरीक सिंह कंडा : आजकल किसी चैनल पर एक सीरियल दिखाया जा रहा है जिसमें अपने पूर्व जन्म के बारे में मालूम किया जा सकता है। हालांकि हमने यह सीरियल आज तक और अभी तक एक बार भी, बिलकुल भी नहीं देखा है किन्तु अपने अन्य देखने वालों से ज्ञात हुआ है कि इसमें व्यक्ति अपने पूर्व जन्म के बारे में बहुत कुछ जान जाता है।
इस सीरियल के अलावा भी कई बार समाचार-पत्रों के द्वारा अथवा समाचारों के द्वारा पता लगता है कि अमुक स्थान पर अमुक व्यक्ति को अपने पूर्व जन्म का आभास हुआ है।
हमें पूर्व जन्म की स्मृति होने अथवा न होने के संदर्भ में कुछ भी नहीं कहना है। इस बारे में हमारा स्वयं का कोई अनुभव भी नहीं है इस कारण इस विषय में कुछ भी कहना मुश्किल है। इस सबके बाद भी एक विचार ने इस छोटी सी पोस्ट को लिखने को विवश किया।
अभी तक जितने लोगों के पूर्वजन्म के बारे में सुना, इस सीरियल के द्वारा जिन लोगों के पूर्व जन्म के बारे में पता चल रहा है उससे एक बात सौ फीसदी पता चली कि सभी अपने पूर्व जन्म में मनुष्य ही होते रहे हैं।
पोस्ट के द्वारा बस इतनी सी जानकारी चाहते हैं कि प्रत्येक मनुष्य अपने पूर्व जन्म में मनुष्य ही क्यों होता दिखता है, महसूस करता है? क्यों नहीं वह स्वयं को कोई जानवर, पक्षी, कीड़ा, मकोड़ा आदि होता महसूस करता है?
ऐसा धर्म ग्रन्थों में कूट-कूट कर लिखा है कि मानव तन बड़े ही जतन से मिलता है और इसका सदुपयोग करना चाहिए। इसके बाद भी पूर्व जन्म की घटनाओं में हमें आज तक मनुष्य के अपने पूर्व जन्म में मनुष्य बनने की जानकारी मिली है।
क्या कोई बतायेगा कि ऐसा क्यों होता है? वर्तमान में पैदा हुआ मनुष्य अपने पूर्व जन्म में कोई जानवर आदि क्यों नहीं होता?