सूचना और प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने कहा है कि तकनीकी प्रगति से मीडिया के क्षेत्र में नए प्रतिमान आए हैं। नियामक संरचना और मानवीय पटुता दोनों ही इस नई तकनीकी प्रक्रिया की गति के साथ तालमेल नहीं रख पा रहे हैं। मौजूदा परिदृश्य में संबंधित पक्षोँ के लिए स्वनियंत्रण ही आगे बढ़ने का सबसे अच्छा उपाय है। श्री तिवारी ने भारतीय प्रेस परिषद –प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित एक समारोह में यह बात कही।
मंत्री महोदय ने कहा कि जो चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं उसके लिए आत्म अवलोकन की आवश्यकता है ताकि स्वनियंत्रण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से ही मीडिया को शक्ति मिलती है।
इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद द्वारा प्रिंट पत्रकारिता के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये गये। ये पुरस्कार स्वतंत्रता के साथ दायित्व का निर्वहन करने की उक्ति के तहत मीडिया को अपनी जिम्मेदारी निभाने को प्रोत्साहित करने के लिए दिये गए।
इसमें एक प्रमुख सम्मान महान समाज सुधारक पत्रकार राजा राम मोहन राय के नाम पर स्थापित- पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राजा राम मोहन राय राष्ट्रीय पुरस्कार है जिसके तहत एक लाख रूपये नकद पुरस्कार, पट्टिका और प्रशस्ति पत्र दिये जाते हैं। अन्य पुरस्कार ग्रामीण पत्रकारिता, विकास पत्रकारिता, महिला सशक्तिकरण, भारतीय भाषा रिपोर्टिंग, फोटो पत्रकारिता इत्यादि के क्षेत्र में हैं जिनमें पचास हचार रूपये के नकद पुरस्कार, पट्टिका और प्रशस्ति पत्र दिये जाते हैं।
इस साल पुरस्कार विजेताओं में दमयंती दत्ता, प्रियंका दुबे, आर संबन, राजेश परशुराम, जोश्ते, रज़िया बेगम, बिप्लब बनर्जी, लात्तूर रथिनम शंकर, पार्था पॉल, कमल किशोर, संजॉय घोष, जिशान अकबर लतीफ और हसन कमाल शामिल हैं।