राजधानी दिल्ली के लोगों को ऑटो चालकों की हड़ताल की वजह से मंगलवार को सड़कों पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऑटो और टैक्सी चालकों की मांग है कि दिल्ली सरकार ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं को तुरन्त बंद करे। हड़तालियों ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री घर के बाहर भूख हड़ताल करने और अनिश्चितकालिन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
ऑटो और टैक्सी की बीस यूनियनों ने मिलकर संयुक्त कार्य समिति बनाई है। इनका कहना है कि उबर और ओला के पास दिल्ली में टैक्सी चलाने का परमिट नहीं है फिर भी उनकी रोजी-रोटी छीनने के लिए सरकार उन्हें अपनी गाड़ियां चलाने दे रही है। इन लोगों ने अनिश्चिचकालीन हड़ताल पर भी जाने की धमकी दी है।
दिल्ली सरकार ने इस हड़ताल को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है और कहा है कि ऐप आधारित कैब सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
दिल्ली सरकार कुछ भी दलील दे रही हो लेकिन बीजेपी ने हड़ताल के लिए सीधे केजरीवाल सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली में करीब 85 हज़ार ऑटो रिक्शा और 15 हज़ार काली पीली टैक्सियां हैं। बारिश के मौसम में उनके हड़ताल पर जाने से दिल्ली के लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के अलावा मुंबई में भी टैक्सी यूनियन ने हड़ताल की धमकी दी थी लेकिन रात को ही हड़ताल वापस लेने का फैसला ले लिया।