दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य आप नेताओं ने वित्त मंत्री पर किसी भी तरह का आरोप लगाने से इंकार कर दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि मुकदमे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं अन्य आप नेताओं के खिलाफ मुददे तय किए। हालांकि इन नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) मामले में वित मंत्री अरुण जेटली की मानहानि करने वाला कोई बयान नहीं दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए दीवानी मानहानि मुकदमे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं 5 अन्य आप नेताओं के खिलाफ मुददे तय कर दिए हैं। हालांकि इन नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने डीडीसीए मामले में जेटली के खिलाफ कोई मानहानिकारक बयान नहीं दिया था।
हालांकि, उससे पहले मुख्यमंत्री के वकील ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ जो कुछ कहा गया है वह पहले से ही लोगों के सामने है और उन्होंने अपनी तरफ से कुछ नहीं कहा है। केजरीवाल के अलावा अन्य आप नेताओं राघव चडढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी इस मुकदमें में नामजद हैं।
वित्त मंत्री के वकील ने कोर्ट से ये भी आग्रह किया कि इस मामले में तेजी से सुनवाई के लिए एक स्थानीय आयुक्त की नियुक्ति भी की जाए। हालांकि इस पर आप के नेताओं ने इस पर एतराज दर्ज किया।
आप नेताओं ने वित्त मंत्री पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2013 तक 13 सालों तक डीडीसीए का अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय धोखाधड़ी की है। जेटली ने अपने ऊपर लगे वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज किया है और अपनी मानहानि करने के लिए केजरीवाल सहित आप नेताओं पर 10 करोड़ का जुर्माना ठोका है।
न्यायलय ने अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिये 27 सितंबर की तारीख तय की है। मामले को संयुक्त सचिव के पास आगे की सुनवाई के लिए भेज दिया गया है, जहां ये तय किया जाएगा कि आप नेताओं द्वारा दिए गए बयान मानहानिकारक हैं या नहीं।