नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय धान के भूसे समेत कृषि के विभिन्न अवशेषों से बिजली उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है। बारहवीं पंचवषीर्य योजना के दौरान बायोमास विद्युत परियोजनाओं के लिए 400 मेगावाट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जबकि चालू वित्त वर्ष अर्थात 2014-15 के लिए यह लक्ष्य 100 मेगावाट है। राज्यसभा में आज एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बिजली राज्यमंत्री और कोयला तथा नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी।
श्री गोयल ने यह भी कहा कि देश में बायोमास विद्युत परियोजनाओं के लिए तीव्र मूल्य ह्रास, रियायती सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क छूट, 10 वर्ष के लिए आय कर छूट और प्राथमिकता अनुकूल दरों जैसे वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाते हैं। इसके अलावा विशेष श्रेणी वाले राज्यों में प्रति मेगावाट 25 लाख रुपये और अन्य राज्यों में प्रति मेगावाट 20 लाख रुपये की केन्द्रीय वित्तीय सहायता दी जाती है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय बायोमास विद्युत परियोजनाओें की स्थापना के लिए यह सहायता प्रदान करता है और इसकी अधिकतम सीमा प्रति परियोजना डेढ़ करोड़ रुपये है। इसके अलावा पंजाब में किसानों को उपकरण खरीद के लिए भी वित्तीय सहायता दी जाती है।
अब तक स्थापित बायोमास विद्युत परियोजनाओं का राज्य वार विवरण निम्निलिखित है।
31 जनवरी 2015 तक चालू राज्य वार बायोमास विद्युत परियोजनाएं।
क्रम सं. | राज्य | परियोजनाओं की संख्या | बायोमास विद्युत (मेगावाट) |
1 | आंध्रप्रदेश | 41 | 288.00 |
2 | छत्तीसगढ़ | 29 | 249.90 |
3 | गुजरात | 4 | 30.50 |
4 | हरियाणा | 2 | 13.50 |
5 | कर्नाटक | 15 | 107.50 |
6 | मध्य प्रदेश | 4 | 26.00 |
7 | महाराष्ट्र | 20 | 198.00 |
8 | ओडि़शा | 1 | 20.00 |
9 | पंजाब | 8 | 68.50 |
10 | राजस्थान | 10 | 101.00 |
11 | तमिलनाडु | 24 | 211.70 |
12 | उत्तर प्रदेश | 4 | 54.00 |
13 | पश्चिम बंगाल | 3 | 26.00 |
कुल | 165 | 1394.60 |