दिल्ली : आज दिल्ली में एक रैली के दौरान हुए दुखद घटना में गजेन्द्र नामक किसान ने खुदखुशी कर ली. स्वराज अभियान इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अफ़सोस जताती है. ये घटना देश, समाज और किसानों के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. शर्म की बात है कि चंपारण और बारदोली के सत्याग्रहों के सहारे जिस किसान ने देश को आज़ादी दिलाई, उसकी आज अपने ही देश में कोई सुनवाई नहीं है.
दिल्ली के जंतर-मंतर की ये घटना किसानों की बदहाल स्थिति का परिचायक है. साथ ही यह घटना ये भी दर्शाता है कि सभी पार्टियाँ और सरकारें किसान के प्रति किस कदर असंवेदनशील हो चुकी हैं. किसानों की आत्म-हत्याएं सरकार के बयानों और छिटपुट राहत से बंद नहीं होंगी. स्वराज अभियान केंद्र और राज्य सरकारों से ये मांग करता है कि किसान के हालात को सुधारने के ठोस प्रयास किये जाएँ.
स्वराज अभियान यह मांग करता है कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच करवाई जाए और गजेन्द्र के परिवार को न्याय मिले. इसके साथ साथ किसानी के संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक नीतियाँ बनानी होंगी ताकि खेती घाटे का धंधा ना रहे.