रायपुर, 25 : राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने आम जनता सहित जनप्रतिनिधियों सभी से जल संरक्षण की अपील की है। उन्होंने कहा कि पानी बचाओ मुहिम इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। देश के साथ ही छत्तीसगढ़ के अनेक हिस्से सूखे से प्रभावित है। ऐसी स्थिति में बूंद-बूंद जल बचाना हम सबका सामाजिक दायित्व और कर्तव्य बन जाता है। उन्होंने कहा है कि पानी को हमने अब तक सबसे सस्ती वस्तु समझ लिया था जबकि पानी बहुत मूल्यवान है। वास्तव में पानी प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार है, यह जीवनदायी है। यहां हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि पानी हम बना नहीं सकते केवल बचा सकते हैं। इसकी शुरूआत उन्होंने आज स्वयं की है। सामान्यतः राज्यपाल श्री टंडन शॉवर से स्नान करते हैं, किन्तु आज उन्होंने बाल्टी भर पानी से स्नान किया और उसमें से भी कुछ पानी बचा लिया, जिसका बाद में उपयोग किया गया।
राज्यपाल श्री टंडन ने जनप्रतिनिधियों से भी विशेष अपील की कि वे अपने आपसी मतभेद भुला कर बूंद-बूंद पानी का सदुपयोग करने के लिए अपने क्षेत्र की जनता से भी अपील करें। उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है और इससे उबरने के लिए हम सबको एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पानी बचाने की मुहिम में हर नागरिक छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर अपना योगदान दे सकते हैं। पानी बचाने के लिए घरों में बर्तन धोने का काम बाल्टी में पानी ले कर किया जाए। ब्रश एवं शेविंग करते समय नल बंद रखकर और वाशिंग मशीन में एक साथ कपड़ा धोने पर पानी की बचत की जा सकती है। रसोई घर के व्यर्थ पानी का उपयोग पेड़-पौधों में किया जा सकता है। आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति हों या जिन्हें पानी निःशुल्क प्राप्त होता हो, सभी को जल संरक्षण के लिए विशेष प्रयास करने होंगे।
सूखे की इस चुनौती का सामना करने के लिए हमें पानी बचाने पर सबसे अधिक ध्यान देना होगा। पानी बचाने की मुहिम में सभी जनप्रतिनिधियों, पंचायत एवं नगर पालिका के निर्वाचित प्रतिनिधियों और आम नागरिकों को सक्रिय योगदान देना होगा। श्री टंडन ने राजभवन परिसर में भी जल संरक्षण के हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं।