वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग हर वर्ष सितम्बर और दिसम्बर के अंत में समाप्त तिमाही के लिए भारत के विदेशी कर्ज के बारे में आंकड़े एकत्र करता है और उन्हें जारी करता है। दिसम्बर 2013 के अंत में भारत के विदेशी कर्ज संबंधी आंकड़े जारी कर दिए गए हैं।
दिसम्बर 2013 के अंत में भारत का कुल विदेशी कर्ज 426.0 अरब अमरीकी डॉलर था, जो मार्च 2013 की समाप्ति के स्तर पर 21.1 अरब अमरीकी डॉलर यानी 5.2 प्रतिशत अधिक है। जीडीपी अनुपात में भारत का विदेशी कर्ज मार्च 2013 की तुलना में दिसम्बर 2013 की समाप्ति पर 23.3 प्रतिशत रहा।
इस अवधि के दौरान विदेशी कर्ज में वृद्धि दीर्घकालिक कर्ज विशेषकर एनआरआई की जमा राशि के कारण हुई। एनआरआई की जमा राशि में तेजी से वृद्धि सितम्बर-नवम्बर 2013 के दौरान अदला-बदली योजना के अंतर्गत ताजा एफसीएनआर(बी) जमा के प्रभाव के कारण दिखाई दी।
दीर्घकालिक कर्ज दिसम्बर 2013 की समाप्ति पर 333.3 अरब अमरीकी डॉलर रहा जो मार्च 2013 की समाप्ति के स्तर पर 8.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। जबकि अल्पकालिक कर्ज 4.1 प्रतिशत कम होकर 92.7 अरब अमरीकी डॉलर हो गया।
अल्पकालिक कर्ज भारत के कुल विदेशी कर्ज का 21.8 प्रतिशत था, जबकि शेष (78.2 प्रतिशत) दीर्घकालिक कर्ज था। व्यावसायिक उधार कुल विदेशी कर्ज का 31.5 प्रतिशत, एनआरआई जमा (23.2 प्रतिशत) और बहुउद्देश्यीय कर्ज (12.3 प्रतिशत) था।
सरकार का विदेशी कर्ज दिसम्बर 2013 की समाप्ति पर 76.4 अरब अमरीकी डॉलर (कुल विदेशी कर्ज का 17.9 प्रतिशत) था जबकि मार्च 2013 की समाप्ति पर यह 81.7 अरब अमरीकी डॉलर (20.2 प्रतिशत) था।
दिसम्बर 2013 की समाप्ति पर भारत के विदेशी कर्ज की सम्पूर्ण तिमाही रिपोर्ट वित्त मंत्रालय की वेबसाइट- www.finmin.nic.in पर उपलब्ध है।