By lalit Mohan : दीदी मतलब ममता बनर्जी! ये वो नाम है, जो अक्सर एक ही समय में दुनिया को सिक्के के दो पहलू दिखाता रहता है. कुछ दिन पहले अपने ही प्रिय रेल मंत्री के फैसले के खिलाफ़, उन्हें कुर्सी से हटाने पर अड़ गयीं. सवाल यह था कि- बनर्जी साहिबा! क्या आपकी पार्टी का कोई मंत्री ऐसा फैसला ले सकता है, जो आपको पता न हो? आप फिर भी ‘ड्रामा’ करती रहीं! कि रेल मंत्री के द्वारा बढ़ाए गए किराए की जानकारी आपको नहीं थी! अब एक तरफ़ आप अपने राज्य में धन की कमी का रोना रोते हुए, केंद्र सरकार को चेताना नहीं भूलती हैं. दूसरी तरफ़ आपने क्रिकेट प्रतियोगिता- आई पी एल २०१२ की विजेता टीम, कोलकाता नाइट राइडर्स की विजय का जश्न मनाते हुए, जनता के ५० लाख रुपये उड़ा डाले! जनता के पैंसे को इस तरह बर्बाद करने का हक़ आपके किसने दिया? क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों समेत सभी सदस्यों को आपने एक तोले सोने की चेन भी पहनाई! क्या आपने किभी किसी किसान या जवान को इस तरह सम्मानित किया है? जागो दीदी जागो! वर्ना लोग आपकी माया को नकारते हुए आपको भी बहनजी! बना कर बाहर का रास्ता दिखा देंगे…