अमित शर्मा , जम्मू : नित्य उत्सव भवेत तेषां नित्य श्री च मंगलम,येषां ह्र्दस्थ भगवान मंगलाय तानो हरि||जिसके ह्रदय में मंगलमय भगवान की स्मृति होती है|उसके उसके जीवन में हर दिन हर उत्सव ही होता है| बाहर की और भीतर की संपदा उसके साथ होती है|जिसने गुरु और भगवान के वचनों को अपने ह्रदय में धारण किया है|वह चाहे कैसी भी स्थिति में हो आनंद में रहता है|गुर के वचनों को ह्रदय में धारण करने से शबरी के पास स्वयं राम चलकर आए और परमपद दिया|यह गुरु ज्ञान की कुंजिया सम्पूर्ण विश्व में अध्यात्मिक क्रांति के प्रणेता भारतीय संस्कृती के प्रमुख स्तंभ विश्व विख्यात संत श्री आशारामजी बापूजी ने स्थानीय भगवती नगर के संत श्री आशारामजी आश्रम में आयोजित दो दिवसीय सत्संग के प्रथम दिवस लाखो की जन मेदनी को दी|इस सत्संग में श्रद्धालुओ का जन सैलाब उमड़ पड़ा जम्मू कश्मीर राज्य के साथ ही हिमाचल,पंजाब,हरियाणा,उत्तरप्रदेश,दिल्ली आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ पहुंचे|बापूजी ने सत्संग की अविरल धारा बहाते हुए कहा कि जिसके जीवन में सदगुरु मन्त्र की दीक्षा होती है|उसके जीवन में बधाए सहज ही टल जाती है|२९ अक्टूबर गोधरा में हेलीकाप्टर ३० फिट ऊपर से गिरा और हेलीकाप्टर के टुकड़े हो गए घटना में हेलीकाप्टर को देखकर कोई भी कह सकता है कि इसमें बैठने वाला कोई भी नहीं बचा होगा लेकिन मै आपके सामने खड़ा हूँ यह भगवान के नाम के जप का ही प्रभाव है इस घटना ने भगवान शिव जी द्वारा गुरु गीता के कहे वचन कि जिसके मुख में गुरु मन्त्र होता है|उसकी अकाल म्रत्यु नहीं होती को सिद्ध कर दिया है|यही नहीं 2 दिसंबर 1985 की रात को भोपाल में हुई यूनियन कार्बाइड की भयंकर गैस त्रासदी में बापूजी से मन्त्र दीक्षित साधक जो कि यूनियन गैस कार्बाइड कम्पनी के सबसे नजदीक की कालोनिय ग्रीन पार्क और संत कवंरराम नगर में रहते है पूर्ण सुरक्षित बच गए| यही नहीं हाल की में अमेरीका में जहाँ सेंडी नमका तूफ़ान ने तांडव मचाया न्यूजर्सी में अनेको माकन ढह गए जान माल को नुकसान हुआ वही न्यूजर्सी के मेटावन स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम और न्यूजर्शी स्थित सभी साधक पूर्ण सुरक्षित है|इस कोई चाहे तो जाँच कर सकता है|यह सब भगवान नाम जप का,सदगुरु की मन्त्र दीक्षा का प्रताप है| आगामी पर्व दीपावली पर बापूजी ने कहा कि दीपावली मे मुख्यता चार काम किये जाते है – १. घर की सफाई करना | २. नए वस्त्र , बर्तन आदि खरीदना ३. मिठाई खाना और खिलाना और ४. दीपक जला कर प्रकाश फैलाना | यह तो करना अच्छा है , लेकिन ये ऐहिक दिवाली है | इन चार कामो के साथ ही चार काम और जोड़ दे करना – अपने अन्दर काम , क्रोध , लोभ , मोह , इर्ष्या , द्वेष की सफाई करना | बुरे और दुर्गुणों को निकाल फेकना यही सच्ची सफाई है | नए वस्त्र चीज वस्तु खरीदने का अर्थ है की अपने जीवन मे कुछ नया सदगुण विकर्सित करे | बुरइयो को छोड़कर आगे की और कदम बढ़ाये | जीवन में नए सत्कर्म , सेवा , साधना एवं आत्म उन्नत करने का संकल्प ले | मिठाई खाना और खिलाने का आध्यात्मीकरण है कि आप स्वयं आनंद मे रहे और दूसरो को आनंद की प्राप्ति मे मदद करे | स्वयं उन्नत हो दूसरो की उन्नति मे मदद करे , इर्ष्या , निंदा , द्वेष आदि छोड़कर सभी आपस मे स्नेह-आनंद रुपी मिठाई खाए और खिलाये , प्रकाश करने का आध्यात्मिकरण यह है की बाह्य प्रकाश के साथ ज्ञान का प्रकाश हो , हम अपने कर्मो को ज्ञान के प्रकाश मे देखे , प्रत्येक कर्म अपने उद्देश्य को उच्च करके करे | वर्तमान में प्रसन्न रहे, अपने मन को कभी मलिन न होने दे ! जीवन में सत्संग का आश्रय ले भगवान पर आस्था रखे और अपने भाग्य को फूटा हुआ ना समझे सत्संग फूटा हुआ भाग्य भी सवंर जाता है|भगवान हमारा जितना भला कर सकते हैं, उतना कोई दूसरा नहीं कर सकता. भगवान् का आश्रय लेने वाले शरणागत भक्त का ख्याल भगवान् स्वयं रखते हैं. भगवत शरण, गुरुमंत्र , मंत्र का जप, धैर्य और विवेक से हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं| सत्संग जीवन का अमृत है| भगवान का सत्संग राग द्वेष मिटाता है|
मंत्र दीक्षा आज (रविवार) – श्री योग वेदान्त सेवा समिति व दूरदराज से पहुचे श्रद्धालुओ की प्रार्थना पर बापूजी ने मन्त्र दीक्षा के लिए हाँ की है|आज सोमवार सुबह सत्संग स्थल पर सुबह ७:०० बजे से मंत्र दीक्षा का विशेष सत्र रखा गया है| जिसमे संत श्री आशारामजी बापू बच्चो को बुद्दी,स्मरण शक्ति बढाने हेतु सारस्वतय मंत्र की दीक्षा देंगे, बड़ो को गुरुमंत्र की दीक्षा दी जायगी |इस हेतु बापूजी ने कोई चीज वस्तु ,रुपया पैसा ,दक्षिणा आदि नहीं लेकर आने वचन वचन लिया है |बापूजी इस दीक्षा के सत्र में एक आशीर्वाद मंत्र भी प्रदान करेंगे जिसके जप से गृहकलह दूर होने के साथ-साथ शरीर की रोगों से रक्षा होती है|किडनी के रोग ,लीवर सम्बन्धी रोग ,ह्रदयघात जैसी जटिल बिमारिया न हो अगर हो तो जल्दी दूर हो जाये इस प्रकार के प्रयोग भी दीक्षा के कार्यक्रम में बापूजी द्वारा सिखाये जायेंगे | बापूजी की रेल चली भक्तो के बीच,भक्ति धाम एक्सप्रेस-सत्संग स्थल पर लाखो श्रद्धालुओ को बापू जी के निकट से शुलभ दर्शन हो इस हेतु एक विशेष रेल बनायीं गयी| ए ो कि बिना धुए,बिना बिजली के पटरियों पर चलती है|पटरियों पर चलती रेल में बापूजी के निकट से दर्शन कर भक्त भाव विभोर हो गए| इस ट्रेन में बापूजी को अपने नजदीक पाकर दर्शन कर भक्त निहाल हो े| उठे ट्रेंन ्रेन का नाम पूछने पर भक्तो बताया कि इसका नाम तो हमें नहीं पता लेकिन हमारे लिए तो यह गुरु दर्शन एक्सप्रेस ही है| चिकित्सा सेवाओ का नगरवासियों के साथ ग्रामीणों ने लिया लाभ-सत्संग स्थलपर संत श्री आसारामजी बापू आश्रम द्वारा आयुर्वेदिक,होमिओपेथिक ,प्राकृतिक चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी है | जिसका लाभ शहर के लोगो के साथ ही दूर दाराज से पहुचे ग्रामीणों ने लिया |
व्यसन मुक्ति:- विभिन्न प्रकार के नशे से ग्रस्त लोगों हेतू तथा स्वस्थ एवं नशामुक्त समाज के हेतू सत्संग स्थलपर नशामुक्ति साहित्य,सी डी,पोस्टर, आदिनशे से सावधान करने एवं नशे से होनेवाले नुकसान की जानकारी के लिए उपलब्ध कराये गये|
विश्व शांति यज्ञ में हजारों ने दी आहुतियाँ
तवी के पावन तट पर आयोजित दो दिवसीय सत्संग में विश्वशांति व पर्यावरण की शुद्धता की मंगल कामना के साथ सत्संग स्थल पर आश्रम प्रकांड ब्रह्मणों के सानिघ्य में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश से पधारे हजारों साधक आहुति दे रहे हैं|और वातावरण को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण कर रहे हैं । मंत्रों की पावन ध्वनि और आहुति की पवित्र सुगन्ध वातावरण को शुद्ध बना रही है। इस हवन यज्ञ में किसी भी प्रकार का शुल्क और दक्षिणा नहीं ली जा रही है
युवाओं को आकर्षित कर रहे है बापूजी के संस्कार-आश्रम द्वारा युवाओं के चहुमुखी विकास हेतु युवा सेवा संघ का गठन किया गया है|जो देश की युवा पीड़ी के लिए सच्चा मित्र साबित हो रहा है|देश के लाखो युवाओ को बापूजी द्वारा दिए जा रहे संकार लुभा रहे है|युवाओ हेतु सत्संग स्थल पर निशुल्क मार्ग दर्शन केंद्र लगाया गया है जहाँ क्या करे क्या न करे,दिव्य प्रेरणा प्रकाश,तू गुलाब होकर महक,माता पिता पूजन दिवस,तू गुलाब होकर महक तुझे जमाना जाने आदी मार्ग दर्शक साहित्य सी.डी.उपलब्ध है|
सत्संग कणिकाएँ – रात को सोते समय भगवन नाम का जप करते हुए सोये और सुबह उठकर बिस्तर पर ही बैठे बैठे भगवन नाम का जप करे, उसकी नींद भक्ति में बदल जाती है और सुबह सुहावनी हो जाती है|
घर में सुख शांति के लिए घर का मुख्य व्यक्ति पानी का लोटा भरके पलंग के नीचे रखे और सुबह तुलसी या पीपल के पोधे में डाल दें ।
1. घर में खडे नमक(आयोडीन नमक जरुरी नहीं ) का पोता लगायें !
2. परिवार के सभी लोग मिलकर भोजन करें ।