डॉ अमरीक सिंह कंडा :
प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा आधार कार्ड के लिए लोगों को भटकाया जा रहा है . कई लोगों के आधार कार्ड में विभिन्न प्रकार की त्रुटियाँ पाई जा रही हैं . किसी का गलत नाम तो किसी की गलत जन्मतिथि या गलत पता आधार कार्डों में अंकित कर दी गई है . लोगबाग इन त्रुटियों को सुधरवाने के लिए परेशान हो रहे हैं और इधर उधर भटक रहे हैं . प्राइवेट एजेंसियों के कर्मचारियों के द्वारा त्रुटी सुधारने के नाम पर अनाप शनाप रकम की वसूली की जा रही है . अभी हाल में जबलपुर में आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी के कर्मचारी को रिश्वत लेते पकड़ा गया है . अभी भी देश में पचास प्रतिशत लोगों के आधार कार्ड नहीं बने हैं .
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा यह आदेश दिया गया है कि आधार कार्ड अति आवश्यक सेवाओं के लिए आवश्यक और जरुरी नहीं है और सरकार द्वारा देश के कई शहरों में एल. पी. जी. गैस कनेक्शन की सब्सिडी बेंक खातों में ट्रांसफर करने की योजना शुरू कर दी गई है और कोई स्पष्ट दिशा निर्देश भी जारी नहीं किये गए हैं जिसका खामियाजा जनता को भुगतने पड़ रहे हैं और इस स्थिति का गैस संचालक पूरा पूरा फायदा उठा रहे हैं . अभी गैस सिलेंडर ले लो बाद में सब्सिडी आपके खाते में ट्रांसफर हो जायेगी. एक उपभोक्ता से गैस सिलेंडर की पूरी पूरी राशि रुपये 11 4 5/- वसूल कर ली गई है परन्तु उस उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी की रकम अभी तक नहीं पहुंची है . जानकारी मांगने पर गैस संचालक सही सही जानकारी भी नहीं दे पा रहे हैं.
जिन उपभोक्ताओं ने अपना आधार कार्ड लिंक करवा लिये हैं उनके डाटा बैंक से जुड़ नहीं पाए हैं जिसके कारण सब्सिडी बैंक में ट्रांसफर नहीं हो पाई है और उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करने को बाध्य होना पड़ रहा है और यहाँ वहां भटक रहे हैं . आधार कार्ड के संबंध में चुनावों के समय स्पष्ट दिशा निर्देश न होने के कारण और भारी भ्रष्टाचार हो रहा है जिसका भरपूर फायदा आधार कार्ड बनाने वाली प्राइवेट एजेंसियां और गैस कम्पनियाँ अभी से उठा रही हैं जिससे जनारोष व्याप्त हो रहा है . मेरी समझ से यह भी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर गलत है कि गैस सिलेंडर के नाम पर पहले उपभोक्ता से सिलेंडर की पूरी कीमत वसूल कर लो फिर उसी का पैसा सब्सिडी के नाम पर उसे वापिस लौटा दो .
एक तरफ सरकार कहती है कि सब्सिडी के लिए आधार कार्ड आवश्यक नहीं हैं तो किस आधार पर गैस कम्पनियाँ उपभोक्ताओं से आधार कार्ड मांग रही हैं . ऐसे कई उपभोक्ता भी हैं जिनके अभी तक आधार कार्ड नहीं बन पाए हैं . कई ऐसे भी हैं कि यदि उनका आधार कार्ड बन भी गया है तो उन्हें महीनों बाद भी आधार कार्ड डाक से प्राप्त नहीं हुए हैं . केंद्र सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष आधार कार्ड के संबंध में उत्तर कुछ और देती है पर इसके कारण आम नागरिकों को अभी से क्या क्या परेशानी हो रही है इस और क्यों ध्यान नहीं देती है यह विचारणीय प्रश्न चिन्ह बन गया है . आधार कार्ड योजना में सरकार की करनी और कथनी में अंतर होने का खामियाजा अभी से आम नागरिकों को भोगने पड़ रहे है आगे क्या होगा यह तो भविष्य के गर्त में छुपा है .