लेखक धर्मपाल : आम तौर पर राजा रवि वर्मा को हिंदू देवी देवताओं के रूप रंग से मिलवानेवाले चितेरे के तौर पर जाना जाता है लेकिन निर्देशक केतन मेहता का मानना है कि राजा रवि वर्मा भारत के उन महान कलाकारों में से एक हैं, जिनका प्रभाव भारतीय सिनेमा पर काफी रहा है. निर्देशक केतन मेहता कहते हैं, ‘’भारतीय सिनेमा के पिता दादासाहेब फालके ने अपने करियर की शुरूआत राजा रवि वर्मा के प्रींटिंग प्रेस से बतौर अप्रेंटिस की थी. सच कहूं तो जिस तरह से भारतीय सिनेमा को राजा रवि वर्मा ने प्रभावित किया है उसके अनुसार उन्हें यदि भारतीय सिनेमा का पितामह कहा जाए तो अधिक बेहतर है. इसके अलावा इंडियन कल्चरल हिस्ट्री में भी राजा रवि वर्मा का बहुत बडा योगदान है. उन्होंने ही पहली बार कलर प्रींटिंग प्रेस की स्थापना की थी, जिसमें उनके कलर पेंटिंग के पोस्टर्स और कैलेंडर्स बनाकर पूरे देश में वितरित किये गये. उनकी वजह से राजा महाराजाओं के महलों में कैद देवी देवता आम जनों के घरों में पहुंचे. उन्हें इंडियन मॉडर्न आर्ट का भी पिता माना जाता है. वह अपने ज़माने में इतने पॉप्युलर थे कि सिर्फ उनके प्रशंसकों द्वारा भेजे गये पत्रों के लिए ब्रिटीश सरकार ने एक पोस्ट ऑफिस का निर्माण करवाया था.’’ गौरतलब है कि लगभग पांच साल बाद निर्माता जयंतीलाल गडा के सफल प्रयासों से रिलीज़ होने जा रही फिल्म ‘रंग रसिया’, उन्नीसवीं सदी के मशहूर पेंटर राजा रवि वर्मा के जीवन से प्रेरित होकर बनीं है. इस फिल्म में राजा रवि वर्मा का किरदार निभा रहे हैं सफलता के घोडे पर सवार एक्टर रणदीप हुड्डा और उनकी प्रेरणा सुगंधा बाई बनी हैं नंदना सेन. यह फिल्म 7 नवंबर को पूरे भारत के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी.