योग गुरू स्वामी हर्षानन्द ने कहा है कि भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा युवा है और युवाओं की आबादी ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। युवाओं को स्वस्थ रखकर ही भारत दुनिया की शक्तिशाली ताकत बन सकता है। योग गुरू हर्षानन्द उज्जैन में सिंहस्थ में रावतपुरा सरकार के पंडाल में योग शिविर को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर श्री रविशंकर जी महाराज भी उपस्थित थे।
स्वामी हर्षानन्द जी ने जीवन में योग के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि स्वस्थ मनुष्य के जीवन में 5 तत्व पृथ्वी, वायु, जल, अग्नि और आकाश का महत्व है। ये तत्व मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं। इनके बीच में संतुलन होना जरूरी है। यह संभव होता है योग के माध्यम से। उन्होंने कहा कि संसार का कोई भी देश अपने स्वरूप का बोध माँ के रूप में नहीं करवाता है, लेकिन भारत के ऋषियों ने हिन्दुस्तान को माँ कहकर यह साबित किया कि अगर हम ज़मीन के टुकड़े से माँ का रिश्ता बनायेंगे तो वह वात्सल्य की देवी बनकर हम सबके जीवन को सार्थक कर देगी।
स्वामी हर्षानन्द जी ने बताया कि शरीर और विचार के मध्य संतुलन बनाने का कार्य प्राण करता है। उन्होंने बताया कि जैसा हम सोचेंगे वैसा शरीर बनेगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य का पहला सूत्र अपने शरीर के वजन के दसवें भाग का 72 प्रतिशत पानी प्रतिदिन पिये। आपका वजन 90 किलो है तब 10 वां भाग हुआ 9 जिसका 72 प्रतिशत हुआ 6.48 यानी करीब 6.5 लीटर पानी प्रतिदिन पिया जाए। स्वामी हर्षानन्द ने पाँच तत्व को परिभाषित करते हुए योग की विभिन्न क्रियाओं का प्रदर्शन किया। अंत में स्वामीजी ने श्रद्धालुओं को जीवन में हमेशा खुश रहने की सीख दी।
योग सत्र की शुरूआत में स्वामी हर्षानन्द ने कहा कि देश भर के श्रद्धालुओं को उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ का इन्तजार रहता है। राज्य सरकार ने सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुविधा के व्यापक इंतज़ाम किए है।