लखनऊ- संघ भारत में रहने वाले सभी लोगों को सांस्कृतिक रूप से एक मानता है। भारत में कोई अल्पसंख्यक नहीं है। संघ जाति मजहब के आधार पर भेद नहीं करता।
यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डाॅ. मनमोहन वैद्य जी ने कही। वह तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक की पूर्व सन्ध्या पर सरस्वती शिशु मन्दिर परिसर, निरालानगर, लखनऊ में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी काफी युवक संघ से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि संघ ने देश को कुल 11 क्षेत्रों व 41 प्रान्तों में बाँटा है। इनके संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक शामिल हैं। इसी प्रकार 33 अनुषांगिक संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। इन सब कार्यकर्ताओं की कुल संख्या 390 होगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संघ के प्राथमिक शिक्षा वर्ग में भी यह संख्या बढ़ी है। गत वर्ष 13 से 40 आयु वर्ग के करीब 80 हजार लोगों ने प्राथमिक शिक्षा वर्ग में सहभागिता की व इस वर्ष 1 लाख 20 हजार कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। संघ की वेबसाइट से भी जुड़ने वालों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इस वर्ष प्रति मास 7 हजार लोग जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं।
इतनी बड़ी मात्रा में युवक क्यों जुड़ रहे हैं ऐसा प्रश्न पूछने पर डा. वैद्य ने कहा कि अपनी सांस्कृतिक पहचान के बारे में गौरव भाव तथा समाज के लिए सेवा करने की ललक उन्हें संघ की ओर आकर्षित कर रही है।
क्या संघ युवकों में अपनी पैठ बढ़ाने का प्रयास कर रहा है? ऐसा पूछने पर उन्होंने कहा कि श्री गुरुजी शन्मशती 2009-10 से ही इस ओर संघ ने विशेष ध्यान देना शुरू किया है। इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं।
Source : RSS