आज हाई कोर्ट के जज अजय तिवारी ने अम्बाला शहर के सूबेदार मेजर जनकराज की याचिका नंबर १३९५९७० पर सुनवाई करते हुए उपायुक्त अम्बाला व निदेशक, हरियाणा पंचायत को सख्त हिदायत देते हुए आदेश दिया कि वो ३० जुलाई २०१५ तक जवाब दायर करके कोर्ट को अवगत करवाएं कि उन्होंने याचिकर्ता को समय पर सूचना उपलब्ध न करवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की, अन्यथा इन अधिकारियों को कोर्ट में सुनवाई के दिन व्यक्तिगत तौर पर हाज़िर पड़ेगा ।
दरअसल याचिकर्ता ने अपने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट में केस दायर करके आरोप लगाया है कि उन्होंने मार्च २०१२ में आर.टी.आई. के माध्यम से बी.डी.पी.ओ., अम्बाला – दो से गाँव कंवला की सूरज विहार कॉलोनी में पानी की पाइप दबाने के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी, लेकिन आज तक भी उसे उपलब्ध करवाना तो दूर, सूचना आयोग द्वारा बी.डी.पी.ओ., विकास कुमार, बी.डी.पी.ओ कार्यालय की अकाउंटेंट बलविंदर कौर व सरपंच राकेश शर्मा के खिलाफ जुर्माना लगाने व अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के आदेशों को भी उपायुक्त अम्बाला व निदेशक, हरियाणा पंचायत ने कार्यान्वित नहीं किया है । ऐसे में मजबूर होकर याचिकर्ता को हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा । याचिकर्ता के वकील प्रदीप रापडिया ने फोन पर बताया कि पिछले तीन साल से भी ज्यादा समय से याचिकर्ता सूचना लेने के लिए सरकारी विभागों के तीस से ज्यादा चक्कर लगा चुका है, लेकिन प्रशासन में कोई भी अधिकारी सुनवाई नहीं करता, ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने उपायुक्त अम्बाला व निदेशक, हरियाणा पंचायत को अपना पक्ष रखने के लिए सिर्फ २० दिन का समय दिया है और ऐसा ना करने पर कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर हाज़िर होने के आदेश दिए हैं ।