कुरुक्षेत्र, 29 जुलाई 2015: घराड़सी के विद्याव्रत माध्यमिक विद्यालय में गुरुकुल कुरुक्षेत्र के वेद प्रचार विभाग के प्रचारकांे द्वारा राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत भजन-उपदेश के द्वारा विद्यार्थियों को राष्ट्र प्रेम के लिए प्रेरित किया गया। यह जानकारी देते हुए वेद प्रचार विभाग अधिष्ठाता भोपाल सिंह आर्य ने बताया कि कार्यक्रम में गुरुकुल के भजनोपदेशक महाशय जयपाल आर्य एवं राजबीर आर्य ने ‘मेरे देष के जवान लड़े सीना तान-तान’ और ‘उन शहीदों का फसाना याद है’ गीत गाकर विद्यार्थियों में देषभक्ति का जज्बा जगाया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रोहतक से पधारे प्रसिद्ध कवि सतपाल देषवाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विष्व में बदलाव का दौर शुरु हो चुका है और इस बदलाव में भारत की बागडोर युवाओं के हाथ में हैं। युवा जिस दिशा में चलेगा राष्ट्र भी उसी दिशा में चलेगा इसलिए हम सब युवाओं की जिम्मेदारी सबसे अधिक बढ़ जाती है कि हम समाज, राष्ट्र व विश्व को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सही दिशा व दशा प्रदान करें। उन्होंने ‘‘हम बदलेंगे-युग बलदेगा’’ के संकल्प मंत्र के साथ युवाओं से योग, प्राणायाम करते हुए अपने अपने विषय में महारत हासिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होनें कहा कि गुरुकुल के प्रधान कुलवंत सैनी एवं प्राचार्य डॉ. देवव्रत आचार्य के मार्गदर्शन में पिछले 3 सालों से चलाये जा रहे वेद प्रचार के इस अभियान के अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे है और लोग आर्य समाज के सिद्धांतों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
गुरुकुल के प्राचार्य डॉ. देवव्रत आचार्य का कहना है कि वेद मार्ग से ही भारत विष्व गुरु बनेगा क्योंकि वेदों में ही विष्व का प्रामाणिक ज्ञान निहित है। वेद के एक-एक मंत्र में मानव मात्र की शान्ति, उन्नति और समृद्धि समायी हुई है। वेद पथ पर चलते हुए प्रत्येक व्यक्ति सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का कल्याण कर सकता है। इसलिए विद्यार्थी काल से ही बच्चों को वैदिक ज्ञान देना चाहिए। कार्यक्रम से पूर्व सभी प्रचारकों व विद्यार्थियों ने दो मिनट मौन रखकर भारत रत्न एवं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम व कारगिल के शहीदों और गुरदासपुर के आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस के जवानों श्रद्धाजंलि अर्पित की।
इस अवसर पर राममेहर शास्त्री ने विद्यार्थियों से जीवन में 4 पेड़ अवष्य लगाने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर प्राचार्य बलवंत सिंह, समिति के प्रधान सत्यवान जी, राममेहर शास्त्री, राकेष , मनोज, गीता, सुमन, ममता, संजय, गुरदीप आदि अध्यापक व अध्यापिकाएं मौजूद रहें।