बीएसएनएल राष्ट्रीय सम्पति है और इसे संरझित रखना पुरे देश की जनता की जिम्मेवारी है।सन् 2000 से 2008 तक बीएसएनएल ने 54000 करोड़ रूपये लाभ अर्जित कर भारत सरकार को योगदान दिया और इन्हीं सरकारी राशि से देश की आधारभूत संरचना का विकास,स्वास्थ सेवा,शिक्षा सेवा में खर्च किया जाता है।पिछले 6 सालों से भारत सरकार की उपेक्षाओं के कारण बीएसएनएल लगातार 4 वर्षो से घाटे में चल रही है।सरकारी प्रतिष्ठान बीएसएनएल को नुकसान का मतलब देश का नुकसान-देश की जनता का नुकसान। दिल्ली में सरकारी बिजली प्रतिष्ठान नहीं होने के कारण सभी प्राइवेट बिजली कंपनी मिलकर उपभोक्ताओं से उच्च दर पर मनमाना टैरिफ वसूल कर मोटी कमाई कर रही है और सरकार के नियंत्रण में नही होने के दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश बाबजूद भी ऑडिट नहीँ करा रही हैं। दूरसंचार क्षेत्र में सरकारी प्रतिष्ठान बीएसएनएल की उपस्थिति के कारण प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी चाहकर भी टैरिफ उच्च दर पर निर्धारित नहीं कर पा रही हैं जिसका एक मात्र उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना होता है। क्योंकि बीएसएनएल सरकार की संचार क्रांति योजना के तहत बिना किसी भेदभाव के देश के कोने-2 में सस्ती और सुलभ दूरसंचार सेवा मुहैया कराती है बिना किसी लाभ और हानि का ध्यान रखते हुए। जब उतराखंड और कश्मीर में प्राकृतिक आपदा आई तो न केवल बीएसएनएल ने संचार व्यवस्था को तत्काल पुनर्जीवित किया बल्कि बीएसएनएल कर्मियों ने प्रधानमंत्री राहतकोश में एक-एक दिन का सैलरी का योगदान दिया।
जब बीएसएनएल मोबाइल सेवा के क्षेत्र में नही था तब मोबाइल में इनकमिंग कॉल के 16 रुपये और आउटगोइंग कॉल के 32 रूपये देने परते थे तो क्या आप फिर से उसी युग में जाना चाहते है; यदि आपका जबाब नही है तो आप सभी से अनुरोध है की “बीएसएनएल बचाओ- देश बचाओ”
कार्यक्रम को पूर्ण समर्थन देकर सफल बनाये।
इस मैसेज को whatsapp और फेसबुक के सभी ग्रुप में इतना फॉरवर्ड करें की भारत सरकार बीएसएनएल की कीमत पर प्राइवेट/MNC कंपनी को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुचाने की कोशिश बंद करे और बीएसएनएल को बचाएं ताकि देश की जनता के साथ न्याय हो सके।