क्या आपने कभी सोचा था की तीसरी कक्षा पास व्यक्ति को भी देश का सर्वोच्च परुस्कार मिल सकता हे जी हाँ कवि हलदर नाग जो मात्र तीसरी कक्षा पास माननीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पदम श्री से सुशोभित किया
हलदर नाग की उम्र 66 साल है और उन्हें अब तक लिखी गई सभी कविताएं कंठस्थ हैं , वह एक साधारण व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं जो अभी भी धोती और बनियान ही पहनते हैं इनका जन्म उड़ीसा की बागड़ में हुआ था
बचपन में ही इनके पिता का देहांत हो गया था इसी के चलते उन्होंने तीन क्लास के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा घर की गरीबी के कारन उनको एक मिठाई की दुकान पर बर्तन धोने का काम करना पड़ा, बहुत गर्व की बात है की आज अभी तक 5 शोध कर्ताओं ने उन पर phd कर ली हैं संबलपुर विश्वविद्यालय में उनके द्वारा लिखित कविताओं का कलेक्शन हलधर ग्रंथावली को पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित कर लिया है