धर्मपाल : जी हां यह कहना है फिल्म ‘मेरठिया गैंगस्टर्स’ से निर्देशन के क्षेत्र में उतर रहे ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के लेखक ज़िशान कादरी का. उनका यह भी मानना है कि इन दो फिल्मों में ज़मीन आसमान का फर्क है. ज़िशान कहते हैं, ‘’इन दोनों फिल्मों में ‘गैंग’ शब्द का इस्तेमाल हुआ है इसका मतलब यह नहीं कि दोनों एक जैसी हैं. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में गंभीर अपराधी थे जो जानबुझकर अपराध करते हैं लेकिन ‘मेरठिया गैंगस्टर्स’ के अपराधी, मासूम अपराधी हैं. वह अपराध करना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता ही नहीं कि अपराध किया कैसे जाता है. इसके अलावा ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ फैमिली ड्रामा थी और ‘मेरठिया गैंगस्टर्स’ एक यूथ फिल्म है. बतौर लेखक और अब निर्देशक होने के कारण मैं एक बात अपने दर्शकों को यह भी साफ कर देना चाहता हूं कि अपराध से संबंधित हर फिल्म क्राइम जॉनर की हो यह ज़रूरी नहीं. ज़रूरी है निर्देशक का ट्रीटमेंट. यक़ीन कीजिए आपको मेरी फिल्म में अपराध मिलेगा, लेकिन अपराधी नहीं.’’ ज़िशान कादरी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मेरठिया गैंगस्टर’ के निर्माता हैं प्रशांत तिवारी, प्रतीक तिवारी तथा शोएब अहमद. सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘मेरठिया गैंगस्टर्स’ के मुख्य कलाकार हैं आकाश दहिया, वंश भार्द्वाज, जयदीप अहलावत, चन्द्र चूड राय, जतिन शर्मा, शादाब कमल, नुसरत भरुचा, सौन्दर्या शर्मा, इशिता शर्मा तथा संजय मिश्रा.