राधा शर्मा, विदिशा : कॉन्वेंट विद्यालयों में हिन्दू छात्रों पर ईसाई पंथ के संस्कार किए जाते हैं । इस बात पर भी ध्यान दिया जाता है कि विद्यार्थी हिन्दू प्रथा-परंपरा का पालन न करें । संस्कारक्षम आयु में बालकों पर हिन्दू विरोधी संस्कार होने से यह भावी पीढी हिन्दू धर्म छोडने का विचार करती है । परिणामस्वरूप हिन्दू धर्म पर संकट आ गया है ।
वैचारिक धर्मांतरण का षड्यंत्र !
हिन्दू धर्माचरण (चूडियां, पायल पहनना; तिलक, बिंदी, मेंहदी लगाना इ.) प्रतिबंधित किया जाता है ।
हिन्दुओं के बच्चे अपने त्यौहारों में सम्मिलित न हो सकें, इस हेतु नवरात्रि, गणेशोत्सव, मकरसंक्रांति आदि त्यौहारों के समय परीक्षाएं रखी जाती हैं ।
नैतिक मूल्य पढाते समय बाइबल की कथाएं अथवा ईसाइयों की अनुभूतियां सुनाई जाती हैं ।
राष्ट्र एवं धर्म कर्तव्य निभाएं !
मातृ/राष्ट्र भाषा में बोलनेवाले विद्यार्थी को दंड दिए जाने पर विद्यालय के संचालक से उत्तर मागें !
बच्चों में राष्ट्रप्रेम जागृत करने के लिए शालाओं में राष्ट्रपुरुषों के चित्र लगाने और उनके स्मृतिदिन आयोजित करने का आग्रह करें !
कॉन्वेंट विद्यालयों में राष्ट्रगीत गायन टाला जाए, तो शिक्षा विभाग में परिवाद (शिकायत) करें !
हिन्दुओ, कॉन्वेंट विद्यालयोें के हिन्दुत्वविरोध को रोकने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति सहायता करेगी !