राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने अपनी सजी पूरी कर चुके अलग अलग राज्यों की जेलों में बंद गरीब दलित लोगों की रिहाई को लेकर चिंता जताई है। आयोग के मुताबिक कई राज्य सरकारें अपने समय के आतंकियों की रिहाई के लिए तो दिन-रात एक कर रही हैं लेकिन उन्हें उन गरीब लोगों की बिल्कुल चिंता नहीं है जो जेलों में सजा तो पूरी कर चुके हैं लेकिन उनके पास अपनी रिहाई और जमानत के लिए दी जाने वाली ना तो फीस है और ना ही कोई रजिस्ट्री और ना पेपर। इसी के चलते आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार वेरका के समक्ष हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विजय वरदान (आई ए एस ) पेश हुए। डॉक्टर वेरका ने पंजाब और हरियाणा के सभी उच्च अधिकारीयों को नोटिस जारी कर इस पर जवाब माँगा है। आयोग ने पंजाब और हरियाणा का स्टेट रिव्यु भी 20 और 21 जनवरी को चंडीगढ़ में रख दिया है।
डॉक्टर वेरका ने बताया कि आयोग गरीब दलितों के हितों की रक्षा के हेतु काम करने के लिए समर्पित है। आयोग के समक्ष ऐसी कई जानकारियां आ रही थी कि भारत की कई राज्यों के जेलों में हज़ारों ऐसे दलित गरीब बंद हैं जो काफी समय से अपनी सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन उनके पास रिहाई के लिए ना तो कोई जमा पूंजी है और ना ही कोई सम्पूर्ण सूत्र। ऐसे लोगों के लिए सिर्फ राज्य सरकारें ही अपनी और से मदद कर सकती हैं लेकिन देखने में आ रहा है कि राज्य सरकारें मजबूर लोगों को जेलों से छुड़ाने की कोशिश करने की बजाये उन लोगों को जेलों से निकालने की हिमायत कर रही हैं जो प्रभावशाली है और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और अपने समय में आतंक मचाते रहे हैं। पंजाब में आजकल ऐसा देखने को मिल रहा है। डॉक्टर वेरका ने बताया कि आयोग समय समय पर राज्य सरकारों के समक्ष जेल में बंद बेक़सूर दलितों का मुद्दा उठता रहा है लेकिन सरकारें इसपर गंभीर नहीं हैं।
डॉक्टर वेरका ने कहा कि आयोग ने एक कमेटी गठित की है जो पुरे भारत की अलग अलग जेलों में जाएगी और पता करेगी कि ऐसे कितने कैदी हैं जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं और बिना वजह अभी भी जेलों में बंद हैं।
इसी कड़ी के तहत आयोग ने पंजाब और हरियाणा राज्य का रिव्यु 20 और 21 जनवरी को चंडीगढ़ में रखा है। पूर्ण आयोग ये रिव्यु करेगा और इसमें पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी से लेकर सभी उच्च अधिकारी आयोग के समक्ष पेश होंगे। डॉक्टर वेरका ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में दलित विरोधी रवैया अपनाया जाता है, ये ही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी यहाँ की सरकारें रिजर्वेशन प्रमोशन लागू नहीं कर रही। इस पर भी जवाब माँगा गया है। इस दौरान आयोग कुछ जेलों का भी दौरा करेगी। ताकि सरकारों के झूठे दावों की पोल खुल सके और गरीबों को जोकि बेक़सूर हैं उनको जेलों से निकाला जा सके।