मुंबई बम विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन को आज नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दी गयी। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने मौत के वांरट पर रोक लगाने के लिए उसके वकीलों की ओर से दायर की गई याचिका खारिज कर दी थी।
तीन न्यायाधीशों वाली पीठ के अध्यक्ष दीपक मिश्रा ने एक आदेश में कहा कि मौत के वारंट पर रोक लगाना न्याय का मजाक होगा इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
तीन बजकर 20 मिनट पर सुनवाई शुरू हुई थी। न्यायालय के फैसले से फांसी रूकवाने के याकूब के वकीलों का अंतिम प्रयास विफल हो गया।
कल देर रात राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दया याचिका ख़ारिज किये जाने के बाद मेमन के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी।