कोच्चि के पास अरब सागर में देश के सबसे बड़े विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर तीनों सेनाओं के कमांडरों के एक संयुक्त सम्मेलन का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया। इस सम्मलेन में तीनों सेनाओं के प्रमुख देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की चुनौतियों और उनसे निपटने की तैयारियों के बारे में चर्चा की।
साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को देश के सामरिक और सुरक्षा नीति से अवगत कराया। यह पहला मौका है जब ये सम्मेलन दिल्ली से बाहर हुआ।
दरअसल, पिछली कमांडर्स कांफ्रेंस में खुद पीएम मोदी ने सेनाओं को सलाह दी थी कि इस तरह की महत्वपूर्ण मीटिंग ऑपरेशनल-इलाकों और युद्धपोत पर होनी चाहिए। इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजीत डोभाल और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री को केरल स्थित आईएनस गरूढ़ कोच्चि परिसर में तीनों सेनाओं का संयुक्त गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर समेत तीनों सेना प्रमुख मौजूद थे। बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने कोलम में पूर्व मुख्यमंत्री आर शंकर की प्रतिमा का अनावरण किया।
एझवा समुदाय के जाने माने नेता शंकर ने श्री नारायण धर्म परिपालना योगम (एसएनडीपी) और केरल कांग्रेस की अगुवाई की थी। प्रधानमंत्री ने आर शंकर के सामाजिक योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि केरल के लोग आज भी उन्हें याद करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार गरीबों और पिछडों के लिए काम कर रही है। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार की तमाम योजनाएं लोगों के कल्याण के लिए बनायी जा रही हैं। पीएम ने केरल को विकास की योजनाओं में पूरी मदद का भरोसा दिया। इसमे बाद पीएम ने कोलम के पास वरकला के शिवगरि मठ में आध्यात्मिक गुरु स्वामी नारायण गुरु की समाधि पर श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने समाज के वंचित और दबे कुचले वर्गों के उत्थान में स्वामी नारायण गुरु के योगदान की सराहना की।
बाद में पीएम ने केरल के सीएम ओमान चांडी और उऩकी कैबिनेट के सदस्यों से मुलाकात कर राज्य से जुडे तमाम मसलों पर चर्चा की।
कुल मिलाकर पीएम का दो दिन का केरल दौरा न केवल देश की सुरक्षा नीति के लिहाज से काफी अहम था बल्कि केरल में तीसरी ताकत के रुप में उभर रही बीजेपी को ताकत देने वाला था। पीएम ने ये भी साफ कर दिया कि सरकार किसी की भी लेकिन उऩकी सरकार केरल के विकास में पूरी मदद देती रहेगी ।