ओम सिंह : आंखों(Eyes) की रोशनी कम होने की वजह है भोजन में विटामिन एकी कमी, जिस वजह से छोटी उम्र से ही आंखें कमजोर होने लगती है।
दूसरी वजह घंटों कंप्यूटर पर बैठकर काम करना या टेलीविजन देखना।
तीसरी वजह आंखों की पर ध्यान न देना।
ये कुछ वजह हैं जो आंखों की रोशनी को कम करती हैं और आपको चश्मा लगाने के लिए विवश करती है कुछ और वजह भी है जैसे की आधुनिक दौर में आनुवंशिकता, काम का दबाव, तनाव, पोषण की कमी, अधिक पढाई जैसे कारकों के कारण लोगों के चश्मे के नंबर बढ़ते जा रहे हैं। आँखों को धूल और इन्फेक्शन से बचाने के अलावा यहाँ कुछ ऐसे तरीके बताये जा रहे हैं जो आपकी आँखों की दृष्टि बढ़ा सकते हैं। घरेलू उपचार द्वारा आँखों की रोशनी किस तरह बढ़ाई जा सकती है आइये जानते हैं।
पहला प्रयोगः छः से आठ माह तक नियमित जलनेति करने से एवं पाँव के तलवों तथा कनपटी पर गाय का घी घिसने से लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः 7 बादाम, 5 ग्राम मिश्री और 5 ग्राम सौंफ दोनों को मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर रात्रि को सोने से पहले दूध के साथ लेने से नेत्रज्योति बढ़ती है।
तीसरा प्रयोगः एक चने के दाने जितनी फिटकरी को सेंककर सौ ग्राम गुलाबजल में डालें और प्रतिदिन रात्रि को सोते समय इस गुलाबजल की चार-पाँच बूँद आँखों में डालकर आँखों की पुतलियों को इधर-उधर घुमायें। साथ ही पैरों के तलुए में आधे घण्टे तक घी की मालिश करें। इससे आँखों के चश्मे के नंबर उतारने में सहायता मिलती है तथा मोतियाबिंद में लाभ होता है।
10 साल से छोटे बच्चों को देशी टमाटर पर कालीमिर्च डालकर खिलाने से आंखों की रौशनी बढ़ती है व चश्मा उतर जाता है
शतावरी चूर्ण शहद के साथ नियमित सेवन से हर उम्र में आंखों की रोशनी बढ़ती है
1. आंखो से स्ट्रेस दूर करने के लिए अपनी दोनों हथेलियों को आपस में रगड़े, जिससे गर्मी पैदा होगी। फिर आंखे बंद करके हथेलियों को आंखों पर रखें। ध्यान रहें आंखों पर हाथ रखते पर रोशनी बिल्कुल ना आएं। दिन में ऐसा 3-4 बार करें।
2. आंवले के पानी से आंख धोने से या गुलाब जल डालने से आंखे स्वस्थ रहती है।
3. आंखो के हर तरह के रोग जैसे पानी का गिरना, आंखे आना, आंखो की दुर्बलता आदि होने पर रात को 7-8 बादाम भिगोकर सुबह पीसकर पानी में मिलाकर पीए।
4. एक लीटर पानी को तांबे के जग में रात भर के लिए रख दें और सुबह उठकर इस पानी को पीएं। तांबे में रखा पानी शरीर विशेषकर आंखों को बहुत फायदा पहुंचाता है।
5. नींबू एवं गुलाब जल को समान मात्रा में मिलाकर 1-1घण्टे के अंतर में आंखो में डालने से आंखो में ठंडक मिलती है।
6. आंवले का मुरब्बा या जूस दिन में दो बार खाएं इससे आंखों की रोशनी बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी
7. एक चम्मच सौंफ दो बादाम और आधा चम्मच मिश्री पीस लें इसे रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास दूध के साथ लें
8. जीरे और मिश्री को बराबर मात्रा में पीस लें इसे रोजाना एक चम्मच घी के साथ खाएं।
9. केला, गन्ना खाना आंखों के लिए हितकारी है। गन्ने का रस पीएं। एक नींबू एक गिलास पानी में पीते रहने से जीवन भर नेत्र ज्योति बनी रहती है।
10. तीन भाग धनिया के साथ एक भाग चीनी मिक्स करें। दोनों को पीसकर पेस्ट बना लें। फिर इसे पानी में गर्म करें और एक घंटे के लिए कवर करके रख दें। फिर एक साफ कॉटन का कपड़ा लेकर इस मिश्रण को छान लें और आंखों में आई ड्रॉप की तरह इस्तेमाल करें।
11. बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू लगाने से परहेज करें ।
12. नियमित रूप से अंगूर खाएं, अंगूर के सेवन से रात में देखने की क्षमता बढ़ती है।
13. आँखों से चश्मा हटाने के लिए अपनी आँखों के आस पास अखरोट के तेल की मालिश करें इससे आँखों की रौशनी तेज होती है और आँखों से चश्मा भी उतर जाता है । यह बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय है।
14. आधुनिक लाइफस्टाइल में अनिद्रा की समस्या बहुत कॉमन है। अगर आप पूरी नींद नहीं लेंगे तो इसका असर आपकी आंखों पर भी पड़ेगा। जिससे आँखों के नीचे काले घेरे तो होंगे ही, साथ ही आंखों की रोशनी भी कम होगी। इसलिए एक दिन में 7-9 घंटे की नींद बहुत जरूरी है।
15. कुछ सेकंड के लिए घड़ी की दिशा में अपनी आँखें गोल घुमाए , और फिर कुछ सेकंड के लिए विपरीत दिशा में घुमाए और इसे चार या पांच बार दोहराएँ।
16. जो मनुष्य सुबह की बासी लार काजल की तरह लगता है जीवन पर्यन्त नयन रोग से मुक्त रहता हैसुबह के समय उठकर बिना कुल्ला किये मुँह की लार (saliva) अपनी आंखों में काजल की तरह लगाए। लगातार 6 महीने करते रहने पर चश्मे का नंबर कम हो जाता है।
आँखों की आयुर्वेदिक देखभाल
हम त्वचा और बालों पर तो बहुत कुछ लगाते है , पर आँखों के लिए कुछ नहीं करते . आइये देखे हम आँखों में क्या क्या लगा सकते है
– राई के चूर्ण को घी के साथ लगाने से आँखों की फुंसी से राहत मिलती है.
– गाय के दूध से निकले मक्खन को आँखों में लगाने से जलन शांत होती है.
– रीठे के पानी से आँख धोने से सरल मोतियाबिंद में लाभ होता है.
– ताज़ी डूब को पीस कर चपटी गोलियां बना ले. इसे आँखों पर रखने से ठंडक मिलती है और दर्द दूर होता हँ.
– मेथी दाने को पीस कर आँखों के नीचे लगाने से काले घेरे दूर होते है.
– अनंतमूल की जड़ को घीस कर आँख में लगाने से आँख की फूली कट जाती है. इसकी पट्टी के दूध या इसके काढ़े को शहद के साथ आँखों में लगाने से भी नेत्र रोग ठीक होते है.
– पलाश के जड़ के रस की एक बूँद आँख में डालने से झाई , खील , फूली , मोतियाबिंद ,रतौंधी आदि रोग समाप्त होते है.
– त्रिफला के पानी से आँखें धोने पर आँखों के हर प्रकार के रोग समाप्त होते है.
– गुलाबजल से आँखों में छींटे मारे.
– देशी गाय का घी आँख में काजल की तरह लगाए.
– यदि दाई आँख में दर्द हो तो बाए पैर के नाख़ून और बाई आँख में दर्द हो तो दाए पैर के नाख़ून आक के दूध से भिगोये. आक के दूध को कभी भी आँख में ना डाले. इससे आँख की रौशनी हमेशा के लिए चली जाती है.
– जीरा और मेहँदी को कूटकर गुलाबजल में भिगोकर सुबह इसे छान ले. ज़रासी फिटकरी मिलाले. इससे आँख धोने पर आँखों की गर्मी दूर होती है और आँखें स्वस्थ रहती है.
– अनार के पत्तों का रस आँख में लगाने से खुजली , आँखों से पानी बहना , पलकों की खराबी , आदि रोग दूर होते है. पत्तों की लुगदी आँखों पर रखी जा सकती है.
– शिरीष के पत्तों का रस आँख में लगाने से रतौंधी , आँख के दर्द में रौशनी बढाने में लाभ होता है.
– तेजपात को पीसकर आँख में लगाने से आँख का जाला और धुंध मिट जाती है.
– बेर के बीज को घीस कर आँख में लगाने से आँखों का बहना बंद हो जाता है.
– पुनर्नवा की जड़ को कूटकर इसका रस घी के साथ आँखों में लगाने से लाभ होता है.
– चमेली के फूलों का लेप बंद आँखों पर करने से लाभ होता है.
– आँखों में अगर कुछ गिर गया है और नहीं निकल रहा तो दूध की तीन बूंदे डाले.
– वासा के तीन चार फूलों को गर्म कर आँखों पर रखने से गोलक की सूजन में आराम मिलता है.
– शीशम के पत्तों का रस शहद के साथ आँख में डालने से दर्द ठीक होता है.
– जिस आँख में दर्द हो उसकी उलटी तरफ के कान में नीम के पत्तों का रस डालने से आराम मिलता है. नीम के पत्तों का रस आँख में भी लगाया जा सकता है.
– तिल के फूलों पर पड़ी ओस आँख में डालने से सभी प्रकार के रोग दूर होते है.
सभी प्रकार के नेत्ररोगों के लिये यह है असरकारक आयुर्वेदिक उपाय
पहला प्रयोगः पैर के तलवे तथा अँगूठे की सरसों के तेल से मालिश करने से नेत्ररोग नहीं होते।
दूसरा प्रयोगः ‘ॐ अरुणाय हूँ फट् स्वाहा।’ इस मंत्र के जप के साथ-साथ आँखें धोने से अर्थात् आँखमें धीरे-धीरे पानी छाँटने से असह्य पीड़ा मिटती है।
तीसरा प्रयोगः हरड़, बहेड़ा और आँवला तीनों को समान मात्रा में लेकर त्रिफलाचूर्ण बना लें। इस चूर्ण की 2 से 5 ग्राम मात्रा को घी एवं मिश्री के साथ मिलाकर कुछ महीनों तक सेवन करने से नेत्ररोग में लाभ होता है।
आँखों की सुरक्षाः
रात्रि में 1 से 5 ग्राम आँवला चूर्ण पानी के साथ लेने से, हरियाली देखने तथा कड़ी धूप से बचने से आँखों की सुरक्षा होती है।
आँखों की सुरक्षा का मंत्रः
ॐ नमो आदेश गुरु का… समुद्र… समुद्र में खाई… मर्द(नाम) की आँख आई…. पाकै फुटे न पीड़ा करे…. गुरु गोरखजी आज्ञा करें…. मेरी भक्ति…. गुरु की भक्ति… फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
नमक की सात डली लेकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए सात बार झाड़ें। इससे नेत्रों की पीड़ा दूर हो जाती है।
सुबह की बासी लार को काजल की तरहः नियमित सेवन से नेत्र के सभी रोग नष्ट होते हैं।
देशी गौमुत्र को आठ तह कपडे से छान कर नियमित तांबे के बर्तन में एक उबाल आने
दे व इसे सुरक्षित रख 1 1 बुंन्द डालने से नेत्र रोगों का नाश होता है।
*भाई राजीव दीक्षित जी के सपने स्वस्थ भारत समृद्ध भारत निर्माण हेतु एक पहल अपने जीवन मे भाई राजीव दीक्षित जी को अवश्य सुने*
वन्देमातरम