कुमार गिरीश, जयपुर : शास्त्रों में उल्लेख मिलता है की मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को सदा गणेश जी की उपासना कर उन्हें चढाया गया भोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से इस रोग में आराम मिलता है। आप सोच रहे होंगे की मीठा खाना तो सुगर की बीमारी में जहर के समान है,फिर ये क्या बात हुई? वास्तव में मीठे का भोग गणेश जी को नहीं लगता है।
कालांतर में ये क्रम कैसे शुरू हो गया इसका तो पता नहीं लेकिन गणेश जी की उपासना का जो मन्त्र प्रचलित है जरा उस पर ध्यान दें
गजाननं भूतगणादि सेवितं
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षितम्
उमासुतं शोक विनाशकारकं
नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥
अर्थात गजानन को #कैथ और #जामुन का फल भोग के रूप में और स्वयं प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। अब आप सब को पता है की जामुन और कैथ को सदा ही मधुमेह में लाभकारी माना गया है।
साथ ही एक नई सोच नदी, कुयें को साफ करने का नया तरीका-फिटकरी के गणपतिजी की स्थापना करे तो पर्यावरण के लिए व स्वास्थ्य दोनों के लिए हितकारी होगा
सभी को #गणेश_चतुर्थी की शुभकामनाएं