डा० अनीश गर्ग : अक्सर कुछ लोगों के चेहरे पर हमेशा फोड़े फुंसी निकली रहती है, उन्हें थकान महसूस होती है, पेट में समस्या रहती है, लगातार वजन कम होता रहता है। ये सब लक्षण खून के अशुद्ध होने की तरफ इशारा करते है। रक्त के अशुद्ध होने से अभिप्राय रक्त में कुछ अनचाहे गंदे तत्वों का मिश्रित हो जाना है।
ये रक्त से हीमोग्लोबिन की मात्रा को घटाते रहते है। जिससे रक्त विकार उत्पन्न होते है।
जानिये कुछ ऐसी विशेष पद्धतियों से, जो आपके रक्त में पौषक तत्वों की वृद्धि करते है और खून साफ़ रखते है।
रक्त विकार कारण और लक्षण:
रक्त की सफाई प्रणाली का कार्य:
रक्त को साफ़ करने से पहले ये जानिये कि रक्त की सफाई प्राणाली किस तरह से कार्य करती है।
इस प्राणाली के अंतर्गत लीवर में जमा होने वाले रक्त को साफ़ किया जाता है।
इसके लिए कुछ लोग अनेक तरह की दवाओं का प्रयोग करते है किन्तु ये दवाएं गर्म होती है जो रक्तचाप में विकार पैदा कर सकती है।
किन्तु आयुर्वेद उपायों से ऐसा नहीं होता।
ये उपाय खून को तो साफ़ करते ही है साथ ही खून का पुरे शरीर में संचार भी करते है जिससे पुरे शरीर में शुद्ध रक्त प्रवाहित होने लगता है।
रक्त साफ़ करने के लिए क्या करें:
आहार (Food):
आहार स्वस्थ को बनाएं रखने में सबसे अधिक सहायक होता है संतुलित आहार।
रक्त साफ़ रखने के लिए फाइबर से भरपूर पदार्थों का सेवन करें।
चुकंदर, मुली, गाजर, सलगम, ब्राउन राइस इत्यादि इसके लिए उत्तम माने जाते है।
खून साफ करने के घरेलू उपाय
ग्रीन टी (Green Tea):
ग्रीन टी पल भर में सारी थकान और परेशानी को दूर कर देती है।
इसके साथ साथ ये रक्त को भी साफ़ करने के लिए सबसे अच्छा प्यूरीफायर भी मानी जाती है।
किन्तु इसका अधिक सेवन आदी भी बना सकता है तो इसका इस्तेमाल दिन में 1 से 2 बार ही करना बेहतर होता है।
विटामिन सी (Vitamin C):
रक्त की शुद्धता के लिए शरीर में ग्लुथाथियोन का होना अनिवार्य होता है और शरीर में इस तत्व को बनाने के लिए विटामिन सी से भरपूर खाना खाने की आवश्यकता होती है।
मृत कोशिकाओं को बाहर निकालें:
शरीर पर कुछ मृत कोशिकायें रह जाती है और वे शरीर के खुले रोम छिद्रों में जम जाती है, जो ना सिर्फ रक्त विकार उत्पन्न करते है बल्कि रोम छिद्रों को बन करके त्वचा व श्वास रोग उत्पन्न करते है।
इसलिए जरूरी है कि आप अपने शरीर की मृत कोशिकाओं को भी निकाल दें।
खूब पानी पियें….
पानी हर जीव के लिये जीवन की तरह होता है. हमारे शरीर में भी करीब 70% से अधिक जल ही है और क्योकि खून भी पानी की तरह प्रवाहित होता है तो ये निश्चित है कि खून में भी पानी की मात्रा होती है।
इसलिए रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर शुद्ध जल जरुर पियें।
सौंफ का सेवन करें (Fennel)
सौंफ उत्तम सेहत के लिए अनेक तरह से इस्तेमाल की जाती है?
इसका उपयोग करने के लिए बराबर मात्रा में सौंफ और मिश्री लेकर उन्हें अच्छी तरह पीसें और एक मिश्रण तैयार करें।
इस मिश्रण को आपको रोजाना सुबह शाम पानी के साथ करीब 2 महीनों तक लें।
ये आपके रक्त संचार को नियंत्रित करेगा, साथ ही आँखों की रौशनी बढाने के लिए भी ये उपाय उत्तम है।
इससे चर्म रोग दूर होता है तो रक्त की शुद्धि भी होती है।
पसीना आने दें
जितना शरीर से पसीना निकलता है उतने ही अधिक शरीर से अशुद्ध पदार्थ बाहर निकलते है।
इसलिए दिन में अधिक से अधिक मेहनत करे और अधिक से अधिक पसीने को शरीर से बाहर निकलने की कोशिश करें।
नित्य प्रतिदिन व्यायाम भी अवश्य करें इसके 3 लाभ होंगे
पहला..
पसीना आएगा जिससे शरीर की सफाई होगी,
दूसरा…
व्यायाम से तन और मन स्वस्थ रहेगा
तीसरा…
व्यायाम के दौरान अधिक से अधिक आक्सीजन शरीर के अंदर जायेगी जिससे रक्त संचार में वृद्धि होगी.!करिये, बहुत अच्छा लगेगा।
डा० अनीश गर्ग, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योग विशेषज्ञ, चंडीगढ़