माता व बहने जो अपनी समस्याओं को दूसरो को बताने में संकोच करती हैं उनकेे शरीर स्वास्थ्य का व परिवार के समृद्धि का नाश होता है
शारीरिक कमजोरी हेतु होमेओपेथी में (चाइना Q अशोका Q अल्फा अल्फा Q गिंगसेन Q सभी बराबर मात्रा में लेकर मिला ले व मिली दवा की 20 बून्द चौथाई कप पानी मे दिन में 3 से 4 बार)
घरेलू में एक अनार के जूस या किसी भी तरल पेय दूध छोड़कर सुबह में गेहूं के दाने के बराबर चुना व रात्रि को एक गिलास गर्म दूध में एक दो चम्मच देशी गाय का घी मिलाकर पिएं नियमित पथरी की शिकायत हो तो चुना न लें वो सभी शतावरी व अश्वगंधा बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह शाम एक एक चम्मच गर्म दूध या गर्म पानी या शहद मिलाकर नियमित सेवन करें
उनकी “समस्याओं का रामबाण है देशी गाय का घी,दूध,मेथी, चुना , शताबरी “
स्वेत प्रदर ( ल्युकेरिया)
1.सुबह में पके केले व दूध में 2 चम्मच शहद 2.पके केले की खीर खाने से3.केले के कोमल पत्तों को पीसकर दूध में उबालकर पीने से4.सुबह शाम पके केले के साथ देशी गाय का घी खाने से5.बड़ के पत्तो का दूध मिश्री व गाय का दूध पीना6. गिलोय शताबर की समान मात्रा का आधा चम्मच चूर्ण का काढ़ा सुबह शाम7. 4 सूखे सिंघाड़े को रात को पानी मे भिगो दें सुबह पीसकर मिश्री व दूध के साथ8.आंवले के रस में शहद मिलाकर9.गाय के दूध में तुलसी का रस मिलाकर10. तुलसी के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम11.मूली का नियमित सेवन12.सूखा आंवला व मुलेठी की समान मात्रा का चूर्ण शहद के साथ व बाद में गाय का दूध पिये।
डॉ वेद प्रकाश जी 8709871868 की LUCO OUT के नियमित सेवन से
रक्त प्रदर:-1.लौकी के बीजों को छीलकर घी में भुने व मिश्री डालकर हलवा का सेवन प्रातः काल खाली पेट
2.आधा चम्मच अशोक जड़ चूर्ण शहद के साथ
3.अरहर के पत्तो का रस पानी मे घोलकर पिने से
4. अशोक की छाल 100 ग्राम सफेद चंदन,कमल का फूल,अतीस,आंवला, नागरमोथा,
जीरा,चीते की छाल 50 50 ग्राम का बारीक चूर्ण को 10 ग्राम शहद के साथ
मासिकधर्म की अनियमितता:-1. मेथी,गाजर,मूली के बीज के बराबर मात्रा का चूर्ण 1 1 चम्मच अशोकारिष्ट के साथ2. लाल गुड़हल के फलो को कांजी के साथ पीसकर पियें3. आम की पत्तियों को सुखाकर आग में जलाकर चूर्ण बना ले पानी मे घोलकर पिये4.तेजपत्ता का काढ़ा पीना चाहिये5. 1चम्मच भुना सुहागा पानी मे मिलाकर पिएं6.पथरी न हो तो गेहूं के दाने के बराबर चुना दही,जूस,पानी,या छाछ में7. 2 चम्मच मेथी रात को 1 गिलास गर्म पानी मे भिगो दें सुबह इस पानी को पिये दाने को चबा चबा कर खाएं8. शताबरी के जड़ का चूर्ण 2 ग्राम दूध या पानी के साथ
मासिक धर्म की अधिकता:-
1.पथरी न हो तो गेहूं के दाने के बराबर चुना दही,जूस,पानी,या छाछ में2. 2 चम्मच मेथी रात को 1 गिलास गर्म पानी मे भिगो दें सुबह इस पानी को पिये दाने को चबा चबा कर खाएं3. शताबरी के जड़ का चूर्ण 2 ग्राम दूध या पानी के साथ
4. 10ग्राम सफेदा काशगरी,1 ग्राम लाल गेरू , मिश्री,मिलाकर पानी के साथ5.असगन्ध चूर्ण व मिश्री को पानी के साथ6.धनिये का काढ़ा बनाकर पिये7.राल का महीन चूर्ण मिश्री के साथ8.जामुन की हरी छाल को सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध के साथ सुबह शाम
मासिकधर्म के समय दर्द :-
1. गर्म पानी में 1 चम्मच घी डालकर पीने से 2 3 पहले से शुरू कर लेने से2. कमर तक गुनगुने पानी में बैठ कर नाभि की सेक करने के बाद तारपीन के तेल की मालिश करने से3. 259 ग्राम बबूल की छाल को कूटकर 2लीटर पानी में उबाल कर जब पानी आधा लीटर रह जाए तो इस पानी से योनि में पिचकारी देने से4. एक ग्राम कालीमिर्च चूर्ण 3 ग्राम रीठे का चूर्ण को जल के साथ सेवन करने से5. अजवायन,पोदीना,इलायची व सौफ को बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से6. मासिक स्राव के बाद वायु के प्रकोप बढ़ने के कारण मस्तिष्क शून्य,आंखों के
आगे अंधेरा,दाँतो का भीड़ जाना ऐसे समय में रीठे को पानी में घिसकर इसके झाग से आंखों में काजल की तरहः लगाने से तुरन्त वायु दूर हो माताएं व बहने
स्वस्थ हो जाती हैं7. जब मासिकधर्म खुलकर न आये तो मूली के 6बीजो का चूर्ण 4 ग्राम दिनभर सुबह दोपहर शाम सेवन करने सेयदि कई महीनों से मासिकधर्म बन्द हो तो मूली मेथी सोया गाजर के बीजो को 4 4 ग्राम सेवन से बन्द मासिक खुल कर आता हैमूली के सेवन से मासिकधर्म और वीर्य पुस्त होता है
सौठ व पुराने गुड़ का काढ़ा पीने से
मासिकधर्म की हर समस्या हेतु मेथी का सेवन करें
गुड़हल के फलो का चूर्ण 6 12 ग्राम कांजी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से
एक ग्राम का चौथाई भाग केसर को दूध में मिलाकर सेवन से
मासिकधर्म शुरू होने से 15 दिन पहले आधा चम्मच अजवायन का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से
मासिकधर्म शुरू होने से 2 दिन पहले से दिन में 2 3 बार चौथाई चम्मच दालचिनी पाउडर व शहद एक कप गर्म पानी मिलाकर पीने से
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बांझपन:-1. सर्वप्रथम नमक बदले (काला या सेंधा नमक ही उपयोग करें)2. पथरी न हो तो चुना गेंहू के दाने के बराबर दही,जूस,छाछ या पानी के साथ3.बैल के मूत्र को सूँघे4.ढाक के पत्तो का रस गाय के दूध के साथ (गर्भ ठहरने के बाद भी इससे ओजस्वी सन्तान की प्राप्ति होती है)5.देशी गाय के दूध में घी व नागकेशर मिलाकर पीने से6. गाय के दूध में शिवलिंगी व कौंच के बीज का पाउडर पीने से7. समंदर झाग का पाउडर दही के साथ पिये8.नागकेशर,कालीमिर्च, अदरक,पीपल का बराबर मात्रा का चूर्ण खाने से9.नागकेशर व सुपरिपाक चूर्ण बराबर मात्रा में10.त्रिफटा असलिनाग की समान मात्रा का चूर्ण खा कर सहवास 11. माजुकल, दक्षिणी सुपारी 1 1 तोला को 5 तोले गंजदन्त चूर्ण गाय के दूध के साथ लेकर सहवास
निरोगी हेतु महामन्त्र का पालन जरूर करें
मन्त्र 1 :-
• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें
• रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
• विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)
• वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
• एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)
• मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें
• भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें
मन्त्र 2 :-
• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
• भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
• सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
• ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
• पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
• बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूणतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें
आयुर्वेद में आरोग्य जीवन हेतु 7000 सूत्र हैं आप सब सिर्फ इन सूत्रों का पालन कर 7 से 10 दिन में हुए बदलाव को महसूस कर अपने अनुभव को अपने जानकारों तक
पहुचाये
स्वस्थ व समृद्ध भारत निर्माण हेतु
अमर शहीद राष्ट्रगुरु, आयुर्वेदज्ञाता, होमियोपैथी ज्ञाता स्वर्गीय भाई राजीव दीक्षित जी के सपनो (स्वस्थ व समृद्ध भारत) को पूरा करने हेतु अपना समय दान दें
मेरी दिल की तम्मना है हर इंसान का स्वस्थ स्वास्थ्य के हेतु समृद्धि का नाश न हो इसलिये इन ज्ञान को अपनाकर अपना व औरो का स्वस्थ व समृद्धि बचाये। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जो भाई बहन इन सामाजिक मीडिया से दूर हैं उन्हें आप व्यक्तिगत रूप से ज्ञान दें।