शरबत :- शरीर में पानी की कमी को केवल पानी ही दूर कर सकता है। पर केवल पानी ही प्यास बुझाने के लिए काफी नहीं होता। शरीर में नमी अधिक देर तक बनी रहे इसके लिए कई प्राकृतिक विकल्प मौजूद हैं।
नारियल पानी :- पानी वाला नारियल समूचे उत्तर भारत में मिलता है। इससे अधिक तेजी से तरोताजा करने वाला कोई ड्रिंक अब तक नहीं बना है। कच्चे हरे नारियल के एक गिलास पानी को सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक हैल्थ ड्रिंक माना जाता है। शरीर से विषैले पदार्थों को निकाल बाहर करने में यह बेजोड़ है। यह शरीर की पीएच वैल्यू भी कायम रखता है। इसे किसी भी बीमारी से ग्रस्त मरीज को दिया जा सकता है।
फालसा का शर्बत :- फालसा के शर्बत के सेवन से आमाशय व हृदय को बल मिलता है और जीगर की गर्मी को हटाता है। इसकी तासीर ठण्डी होती है जिससे ये हमारे शरीर को गर्मियों में ठण्डा रखता है| फालसे के स्वाद में खट्टापन, मीठापन तथा कड़वापन तीनों होता है | फालसे में बहुत सारे खनिज लवण जैसे – पोटैशियम , कैल्शियम , मैग्नशियम ,सोडियम , फॉस्फोरस, लोहा, प्रोटीन , विटामिन- ए और सी आदि भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं |
सब्जा शरबत :- सब्जा शरबत स्वादिष्ट और ताजगी देने वाला ग्रीष्मकालीन पेय है। यह ना केवल पाचन के लिए अच्छा है बल्कि यह आपको गर्मी के कारण निर्जलीकरण से बचाने में भी मदद करता है।
लौकी का रस :- लौकी का रस शीतलता प्रदान करने वाला भाई राजीव दीक्षित जी के ज्ञानानुसार यह जूस हृदयाघात,मधुमेह,डायबिटीज, कब्ज़ियत, उच्चरक्तचाप, गठिया अर्थात रक्त की अम्लता बढ़ने से उतपन्न सभी रोगों की काल व चमत्कारिक पेय है इसे औषधियों गुणों से भरपूर बनाने हेतु तुलसी, पुदीना,धनिया अदरक , लहसुन व कालीमिर्च का उपयोग करें। यूनानी चिकित्सा पद्धति में लौकी का रस गर्मियों के मौसम की मार से बचाने के लिए सबसे अधिक मरीजों को सुझाया जाता है। यह विटामिन सी और बी-6 का बहुत अच्छा स्रोत है। इसमें आवश्यक खनिज जैसे कैल्शियम, आयोडीन, मैग्नेशियम, फास्फोरस और पोटेशियम भी भरपूर होते हैं। सुबह खाली पेट एक गिलास लौकी का रस दिन भर के लिए शीतलता प्रदान करता है। इसमे एक चुटकी नमक डालने से शरीर में सोडियम की कमी नहीं होती। यह प्यास को शांत करता है तथा संतुष्टि देता है। पेट रोग तो इससे दुरुस्त होते ही हैं।
पलाश का शर्बत :- आयुर्वेद में पलाश के पेड़ को ब्रह्मवृक्ष का नाम दिया गया है। यह गुणकारी वृक्ष इंसान को कई तरह की व्याधियों से बचाने में मदद करता है। इसका अर्क नेत्रज्योति बढ़ाता है तथा बुद्धिवर्धक भी है। इसके सेवन से पित्त दोष संतुलित रहता है तथा पित्तजन्य रोगों से मुक्ति मिलती है।
आम का पना :- आने वाले मौसम में आम से पहले कैरियां आने लगती हैं। पोदीने के साथ इसे पीसकर पिया जाता है। लू लगने से बचने के लिए आम का पन्हा सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जाता है। इसमें विटामिन-सी, बी-1, बी-2, और नियासीन होते हैं। इससे नमक और लौह तत्वों की कमी नहीं होने पाती। हाजमा दुरुस्त रखने में भी आम का पन्हा बेजोड़ होता है।
गुलाब का शरबत :- गर्मी के मौसम में गुलाब का शरबत शरीर को तरोताजगी से भरपूर कर देने वाला होता है. गुलाब शर्बत का सेवन आपके दिल और दिमागको ठंडक पहुंचाता है
गन्ने का रस :- ग्लूकोज का यह सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। एक गिलास गन्ने के रस से तत्काल ऊर्जा मिलती है। धूप और पसीने के कारण शरीर से निकल रहे खनिज लवणों की आपूर्ति भी इससे होती है। लौह तत्वों का बड़ा स्रोत माना जाता है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तो इसे चिकित्सक की सलाह से लें।
नीबू शरबत :- नींबू शरबत से शरीर को आवश्यक नमक और शक्कर के रूप में ऊर्जा मिल जाती है। विटामिन सी का तो इसे खजाना ही कहा जाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत हो जाती है।
पपीते का रस :- पपीते का रस मांसाहारियों ओर कमजोर हाजमें वाले रोगियों के लिए लाभदायक होता है। जिन मरीजों कों प्रोटीन पचाने के लिए आवश्यक एन्जाइम सप्लिमेंट्स चाहिए यह उनमें मदद करता है। गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं पीना चाहिए।
तरबूज का रस :- तरबूज अरब मुल्कों से हिन्दुस्तान पहुंचा है। इसे प्यास बुझाने वाले महत्वपूर्ण शरबत में शामिल किया गया है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स भी खूब होते हैं जिससे सोडियम और पोटेशियम की कमी नहीं होने पाती। यह दोनों लवण पसीने के साथ शरीर से निकल जाते हैं।
इसके अलावा चने के सत्तू का शर्बत, जल जीरा, अंगूर जूस,त्रिफला जूस,आँवला जूस कुछ भी न मिले तो मिट्टी के घड़े का पानी सर्वोत्तम
अमर शहीद राष्ट्रगुरु, आयुर्वेदज्ञाता, होमियोपैथी ज्ञाता स्वर्गीय भाई राजीव दीक्षित जी के सपनो (स्वस्थ व समृद्ध भारत) को पूरा करने हेतु अपना समय दान दें
मेरी दिल की तम्मना है हर इंसान का स्वस्थ स्वास्थ्य के हेतु समृद्धि का नाश न हो इसलिये इन ज्ञान को अपनाकर अपना व औरो का स्वस्थ व समृद्धि बचाये। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जो भाई बहन इन सामाजिक मीडिया से दूर हैं उन्हें आप व्यक्तिगत रूप से ज्ञान दें
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