नेत्रपाल सिंह चौहान स्वदेशी : अनेको बीमारी का इलाज चोट लगना या गम्भीर घाव बन जाना
के लिए आर्युवेदिक उपचार यदि शरीर पर कही पर चोट लग जाए गम्भीर चोट जैसे दुघर्टना ग्रस्त। भी और अक्सर डायबिटीज के रोगियों की चोट भी जल्दी से ठीक नहीं होती है ।
सभी प्रकार की खुली चोटे जैसे सौराइशिस तथा एक्जीमा जिसमें रक्त निकलता रहता है जिनके आपरेशन के टाके नहीं भर रहे और बार बार घाव बन जाते हैं ।
इन सभी बीमारीयों का एकमात्र उपचार
एक गेंदे के फूल का उपरी भाग तथा आधा चम्मच से थोड़ा सी कम हल्दी और देशी गाय का गौ मूत्र
इन तीनों को मिलाकर चटनी बनाये (इसमें कुछ और नहीं मिलाना)
केवल फूल प्रयोग करना है नीचे का हरा भाग नहीं
इसे चोट पर लगाएं इससे खून निकलना भी बंद हो जायेगा और दर्द भी कम हो जायेगा
किसी भी महिला या पुरुष के टाके नहीं भरते और ठीक नहीं हो रहे हो
वहाँ पर प्रयोग करें
ये ध्यान रखें कि घाव कितना बड़ा है उसके हिसाब से ही कम ज्यादा मात्रा में बनाये ओर ये सुबह श्याम को ताजा बनाना है तथा लगाना सुबह का लगाएं हुए को श्याम को पट्टी उतार कर उसे ताजा गौ मूत्र से ही साफ करे (सुबह को भी गौ मूत्र से ही साफ करे ) कोई भी साबुन या डेटॉल आदि से नहीं साफ करना चाहिए घाव को और न ही साबुन इत्यादि से स्नान करें
अमर बलिदानी श्री राजीव दीक्षित जी के व्याख्यानों से नेत्रपाल सिंह चौहान स्वदेशी