कुमार गिरीश साहू, जयपुर : अस्थमा रोगों मे यह उपचार उतम है और अस्थमा रोगी की खांसी में रामबाण है!
मैं आपको जो दवा बता रहा हूं वह अस्थेलिन, सालबूटामोल, स्टेराइड व इन्हेलर आदि का प्रयोग करके तंग आ गये रोगियों पर सफ़ल रहा है और अनुकूल भी है –
१ . वासा(अडूसा या अडुलसा) की पत्तियों का चूर्ण १० ग्राम + छोटी पिप्पली का चूर्ण २.५ ग्राम + धतूरा(यह विषैला माना जाने वाला एक पौधा है जिसके कांटेदार गेंद जैसे फ़ल भगवान शिव को पूजा में चढ़ाए जाते हैं) की पत्ती का चूर्ण १.२५ ग्राम + तालीस पत्र १.२५ ग्राम इन सभी औषधियों को आप आसानी से आयुर्वेद की कच्ची औषधियां बेचने वालों से सरलता से प्राप्त कर सकते हैं; इन्हें कस कर साथ में मिला कर घोंट लीजिये व इसमें से छोटा चाय वाला पौना(३/४) चम्मच चूर्ण सुबह शाम शहद से लगातार तीन माह तक प्रयोग करें।
इसके बाद अगले तीन माह तक पौना चम्मच मात्रा को दिन भर में खाइये यानि कि पहले की एक खुराक को ही अब दिन में तीन बराबर हिस्सों में बांट कर खाना है, इसके बाद यदि मौसम बदलता है तो बारिश व सर्दी में मात्रा दो गुना करा जा सकता है।
२ . कनकासव + द्राक्षासव दिन में एक बार दोपहर में भोजन के बाद दो चम्मच लीजिये।
बकरी या गाय का दूध, गर्म भोजन, परवल, पपीता, आंवला, मुनक्का, हरी सब्जियां आदि पथ्य हैं.
लेकिन भारी गरिष्ठ देर से पचने वाला आहार, रिफाईनड तेल , बासी भोजन, उड़द की दाल, सरसों का साग व सरसों का तेल , मटर की दाल, दही, खट्टॆ पदार्थ, रिफाईनड तेल न खाएं यदि खाते हों तो रिफाईनड तेल को तुरन्त बन्द कर दें ।अन्यथा गम्भीर परिणामों से गुजरना पड सकता है अटैक भी आ सकता है। मर्जी आप की, शरीर आप का, निर्णयआपका।