कुमार गिरीश साहू , जयपुर : किसी व्यक्ति को किसी तरह के भोजन से या प्रदूषण के कारण जब शरीर में दाने आदि निकल आते हैं या उसके शरीर में सूजन पैदा हो जाती है तो उसे एलर्जी कहते हैं। एलर्जी के कारण शरीर पर होने वाली आम प्रतिक्रियाएं इस प्रकार हैं जैसे-अस्थमा (दमा), राइनाटिस (नासाशोध), एक्जिमा, शरीर पर दाग-धब्बे निकल जाना, माईग्रेन (आधे सिर का दर्द), पाचन सम्बंधी विकार (भोजन पचने में परेशानी)।
कारण :
एलर्जी का रोग होने का मुख्य कारण वह भोजन होता है, जो हम खाते हैं। खास तौर पर तेल विष युक्त यह रिफाईनड रूपी जहर से बना भोजन हानिकारक हो गया है.! क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर इस पांम आंयल और सोयाबीन तेल आदि चीज को पचा नहीं पाता जिसके कारण उस भोजन को खाकर हमारे शरीर पर उल्टा असर पड़ता है और हम एलर्जी का शिकार हो जाते हैं। यह रोग ज्यादा नमक खाने से, रिफाईनड तेल खाने से, खटाई खाकर यात्रा करने पर, शरीर पर मिट्टी लगने से, अधिक सोड़े वाले साबुन का प्रयोग करने से, बीमारी की हालत में अधिक मैथुन करने से, हाथी, घोड़े आदि की सवारी करने पर हो जाता है। ऊंचाई के कारण शरीर में वायु प्रवेश हो जाती है, जिसकी वजह से भी शरीर में एलर्जी या शोथ (सूजन) का रोग हो जाता है। यह रोग उन स्त्री-पुरुषों को अधिक होता है, जिनकी त्वचा अधिक नाजुक तथा मुलायम होती है।
लक्षण :
एलर्जी के रोग में अक्सर त्वचा सूख जाती है और नसे कमजोर पड़ जाती हैं। रोगी की त्वचा का रंग बदल जाता है तथा उसका शरीर सूज कर भारी हो जाता है, दिल में बेचैनी सी रहती है और त्वचा में खुजली मचती है। रोगी को गर्मी अधिक लगती है। इसके अलावा एलर्जी से ग्रस्त रोगी को बार-बार प्यास लगना, खाने में कुछ अच्छा न लगना और वमन (उल्टी) आदि की शिकायत हो जाती है।
भोजन और परहेज :
एलर्जी के रोग में हमेशा ताजा और हल्का भोजन करें और नमक कम मात्रा में सेवन करें।
एलर्जी के रोग में जब हालत में सुधार होने लग जाये और रोगों से लड़ने की ताकत पैदा हो जाये तब आलू, रसदार फल, गिरीदार फल, दही, खाना शुरू करें.!
भोजन में एक बार ही परिवर्तन करें और किसी तरह की प्रतिक्रिया (एलर्जी) होने पर इस भोजन को 2-3 दिन तक रोक दें और खाने में हल्की चीजें तथा भोजन में दूसरी चीजें शामिल करें।
एलर्जी के रोग में 3-4 दिनों से लेकर 1 सप्ताह तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए और इसके बाद धीरे-धीरे अपने सामान्य भोजन पर लौट आना चाहिए।
एलर्जी के रोग में भोजन करने के बाद बीच मे कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
एलर्जी के रोग में धूम्रपान और शराब पीना बन्द कर देना चाहिए।
एलर्जी के रोग में भोजन में किसी तरह की चीजों की मिलावट नहीं करनी चाहिए।
एलर्जी के रोग में पुराने रखे हुए और डिब्बे में बन्द
चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
एलर्जी के रोग में मांसाहारी चीजों का प्रयोग बिल्कुल न करें।
कॉफी, चाय, चाकलेट जैसे पीने वाले पदार्थों का सेवन एलर्जी के रोग में नहीं करना चाहिए।
एलर्जी के रोग में शहद, चीनी और शर्बत इत्यादि को अपने रोजाना के भोजन से दूर ही रखना चाहिए।
देशी उपचार……
उपचार :
शरीर में जहां पर भी सूजन आई हो वहां पर करेले का रस मलने से आराम मिलता है। करेले में जरा सा नमक मिलाकर सेवन भी करने से लाभ मिलता है।
गर्मियों के मौसम में तरबूज के रस में कालानमक डालकर खाने से एलर्जी के रोग में लाभ होता है।
शरीर में जहां पर एलर्जी हो उस स्थान पर कच्चे आलुओं का रस लगाने से लाभ होता है।
सीताफल के बीजों को पीसकर शहद के साथ सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय चाटने से एलर्जी के रोग में आराम होता है।
रात को सोने से पहले 1 गिलास साफ पानी में 100 ग्राम मेंहदी के सूखे पत्ते भिगो दें। सुबह इस पानी को छानकर पीने से शरीर मे शीतलता (ठंड़क) के साथ-साथ खून भी साफ हो जाता है। इस पानी का सेवन करने से विजातीय द्रव्य शरीर से बाहर निकल जाते हैं। एलर्जी वाले रोगियों के लिये यह बड़ी गुणकारी औषधि है।
चम्मच अदरक के रस में 4 ग्राम पुराना गुड़ मिलाकर खाने से एलर्जी का रोग दूर हो जाता है।
अदरक के रस में थोड़ा सा जीरा तथा पुराना गुड़ मिलाकर सेवन करने से एलर्जी का रोग ठीक हो जाता है।
नीम की छाल, आक (मदार) के पत्ते तथा पुनर्नवा को एकसाथ मिलाकर 2 कप पानी में उबालने के लिए रख दें। उबलने पर जब पानी आधा कप बचा रह जाये, तो उसमें थोड़ी सी मिश्री डालकर पीने से एलर्जी रोग जल्दी दूर हो जाता है।
मटर को पानी में उबालकर उसके दानों को निकालकर फेंक दें। फिर उस पानी में थोड़ा-सा नमक मिलाकर पूरे शरीर को साफ करने से एलर्जी के रोग में लाभ होता है।
अनानास का रस एलर्जी वाले स्थान पर लगाने और पीने से एलर्जी ठीक हो जाती है।
100 ग्राम शलजम को पानी में उबाल लें। फिर उस पानी को ठंड़ा करके शरीर पर मालिश करने से एलर्जी के रोग में आराम आता है।
2 चुटकी सौंठ के चूर्ण को करेले के रस में मिलाकर खाने से एलर्जी के रोग में पूरा लाभ होता है।
शरीर पर नारियल या तिल्ली के तेल की मालिश करने से एलर्जी के रोग में आराम आता है।
नहाते समय पानी में गुलाबजल डालकर नहाने से एलर्जी का रोग ठीक हो जाता है।
मेथी की पत्तियों को पीसकर एलर्जी वाले स्थान पर लगाने से लाभ होता है।
तारपीन के तेल को सरसों के तेल में मिलाकर शरीर पर मालिश करने से एलर्जी के रोग में लाभ होता है।
4-4 ग्राम दन्ती, सौंठ, निशोथ, कालीमिर्च, पीपल और चीता को एक साथ मिलाकर 1 कप पानी में डालकर काढ़ा बनाने के लिए आग पर रख दें। काढ़ा जब पकते-पकते आधा कप बचा रह जाए, तो उसमें थोड़ा सा पुराना गुड़ डालकर खाने से एलर्जी के रोग में लाभ होता है।
एलर्जी की आयुर्वेदिक औषधियां..
तुरन्त फायदा एवं हमेशा के लिए रोग मुक्त होने के लिए.,
आप नीचे लिखी दवा लीजिये और ध्यान रखिये कि ऐसी कोई चीज न खाएं जो ज्यादा मसालेदार हो और दूषित तेल से बनी हुई हो ।
जैसे बजार के व्यंजन आदि।
१ . रस माणिक्य ५ ग्राम + लौहभस्म ५ ग्राम + गेरू १५ ग्राम + गंधक रसायन २५ ग्राम लीजिये ,इसमें सबसे पहले रसमाणिक्य को एकदम महीन घोंट लीजिए ताकि उसकी चमक खत्म हो जाए ;यह एक क्रिस्टलों के रूप में आने वाली आयुर्वेदिक औषधि है । रसमाणिक्य को एकदम महीन घोंट लेने के बाद उसमें बाकी दवायें मिला कर घोंट लें । दवा की आधा ग्राम मात्रा को खाली मुनक्के में भर कर सुबह शाम खाली पेट सारिवाद्यासव + महामंजिष्ठादि काढ़े के मिश्रण से निगलवाएं ।
२ . चालमोगरा तेल(तुबरक तेल) ५० मिली. + महामरिच्यादि तेल ३० मिली. + नीम तेल ३० मिली. मिला कर रखें व प्रभावित स्थान पर दिन भर में दो-तीन बार लगा लिया करें ।
आपकी समस्या में पहले दिन से ही लाभ दिखाई देना शुरू हो जाएगा.!
चेतावनी ⚠.. रिफाईनड (पांम आंयल) तेल, सफोला, सोयाबीन, सूरजमुखी और रिफाईनड नमक आदि को घर से बाहर निकल दे. | कैमिकल युक्त रिफाईनड बिल्कुल नहीं खायें!
रिफाईनड तेल की जगह शुद्ध घाणी का तेल और
रिफाईनड नमक की जगह, सैंधा नमक ही इस्तेमाल करें.!