आयुर्वेदिक शौधाचार्या, कुमार गिरीश, जयपुर
१ * दर्द से बचने के लिए आठ – दस बादाम रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह छिलका उतारकर खाली पेट सेवन करें।
२ * मासिक के दौरान कमर में दर्द हो तो बरगद का दूध निकालकर कमर पर सुबह शाम मलें।
३ * तीन ग्राम कुटी हुई अदरक, ३ – ४ काली मिर्च का चूर्ण और एक बड़ी इलायची का चूर्णं, काली चाय, दूध व पानी एक साथ मिलाकर अच्छी तरह पकाएं। पानी आधा रह जाने पर उतार लें और कुनकुना ही पिएं। आपको माहवारी के दर्द में आराम मिलेगा।
४ * पीरिएड से संबधित कोई भी दिक्कत हो तो गरम पानी का सेवन अच्छा रहता है। माहवारी शुरू होने के दस दिन पहले से गरम पानी पीना शुरू कर दें।
अनियमित माहवारी
५* गर्म दूध के साथ ५ – ६ ग्राम अजवायन खाने से लाभ होता है।
६* दालचीनी का चूर्णं २ – ३ ग्राम पानी के साथ खाने से पीरिएड साफ होता है और शारीरिक पीड़ा भी दूर होती है।
७* खाना खाने के समय पहले निवाले में २ – ३ ग्राम राई पीसकर खाने से माहवारी की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
८* यदि पीरिएड नियमित न हो तो दो सौ ग्राम गाजर का रस सुबह शाम पानी के साथ पीने से पीरिएड नियमित हो जाता है।
९* दस ग्राम तिल को २०० ग्राम पानी में उबालें। फिर एक चौथाई रह जाने पर उसे उतारकर, उसमें गुड़ मिलाकर पिएं। पीरिएड नियमित होगा और दर्द भी दूर हो जाएगा।
१० * गुड़ के साथ काले तिल को पानी में उबालकर दिन में २ – ३ बार पीने से मासिक धर्म खुल कर होता है।
११* तुलसी के १० – १५ बीजों को पानी मे उबालकर पीने से पीरिएड ठीक से होता है।
१२* गाजर का सूप पीने से भी माहवारी की अनियमितता दूर हो जाती है।
यदि माहवारी में अधिक रक्त स्राव हो
१३* बबूल की गोंद का चूर्णं आठ ग्राम सुबह शाम पानी के साथ पिएं। इससे अधिक मात्रा में हो रहा रक्त स्राव बंद हो जाता है।
१४ * मासिक धर्म की अधिकता में विदारीकंद के चूर्णं को घी और चीनी के साथ मिलाकर चाटने से अधिक रक्त स्राव सामान्य हो जाता है।
१५ * कुम्हड़े का साग घी में बनाकर खाने से या फिर उसका रस निकालकर चीनी मिलाकर सुबह शाम पीने से भी आराम मिलता है।
१६ * मासिक धर्म के अधिक रक्त स्राव में दूब को पीसकर उसका रस छानकर सुबह शाम पीना चाहिए। ध्यान रहे कि रस २० ग्राम से ज्यादा न पीएं।
१७ * धनिया और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर महीन चूर्णं बनाएं और इसे १० ग्राम लेकर एक कप पानी में उबालें और ठंडा करके पीएं। रोज सुबह शाम पीने से मासिक धर्म की अधिकता दूर हो जाएगी।
१८ * महानीम की कोंपलों का रस निकालकर पीने से भी मासिक धर्म सामान्य हो जाता है।
यदि कम रक्त स्राव हो रहा हो तो…
१९* अमलतास का गूदा चार ग्राम, सोंठ ३ ग्राम, नीम की छाल ३ ग्राम लेकर कुचल लें और फिर इसे १० ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर आठ गुना पानी में पकाएं। चौथाई भाग पानी रह जाने पर उतारकर छान लें। मासिक शुरू होते ही इसे दिन में एक बार प्रतिदिन पीने से मासिक धर्म खुल कर आता है।
२ ०* दिन में एक – दो कच्चे प्याज खाने से महिलाओं को मासिक ठीक आता है।
२१ * . २ – ३ ग्राम दालचीनी का चूर्णं पानी के साथ सेवन करने से मासिक स्राव ठीक होता है।
२२ * महुए के फलों की गुठली तोड़कर उसकी गिरी निकाल लें। फिर इसे पानी के साथ पीस कर गुंधे हुए आटे जैसा बना लें। फिर इसकी पतली गोलबत्तियां बनाकर सुखा लें और मासिक से १ – २ दिन पहले इसे अपने गुप्तांग में रखें। ऐसा करने से मासिक ठीक से आने लगेगा।
२३ * थोड़ी सी हींग पीसकर पानी में डालकर धीमी आंच पर पकाएं। जब पानी एक तिहाई रह जाए तो उसे छानकर पिएं। इससे मासिक ठीक आएगा।
२४ * सर्दियों में बैंगन का साग, बाजरे की रोटी, तिल का तेल और गुड़ नियमित रूप से खाने से लाभ होता है
२६* सुपारी पाक, एक चम्मच दूध के साथ लेवे, साथ में अशोकारिषट दो चम्मच सुबह शाम भोजन के उपरांत पिये.
२७ * तिल का तेल भोजन में समलित करे.
गुड, अजवाइन का हलवा बनाकर खाने से होने वाले दर्द एवं एकएक कर आने वाली मासिक धर्म ठीक हो सकता है।
मासिक दर्द में होने वाली जांघों का दर्द हो तो इन दिनों नीम के पत्ते 5 ग्राम अदरक का रस 10 ग्राम इसमें इतना ही पानी मिलाकर पिये।
अगर मासिक धर्म न आता हो तो दो चम्मच गाजर का बीज एक चम्मच गुड एक गिलास पानी में उबालकर रोज सुबह शाम पिये। 50 ग्राम सोंठ, गुड 30 ग्राम 5 ग्राम कुटी जौ, वायविडंग, 1 गिलास पानी में उबाले काढ़ा बनाऐं। आधाआधा कप, तीनतीन घंटे बाद पियें। रूका हुआ मासिक स्त्राव शुरू हो जायेगा।
दो गिलास पानी में 4 चम्मच राई उबालकर पानी छान लें उससे कपड़ा भिगाकर पेट सेकें। इससे मासिक स्त्राव खुलकर होगा व दर्द भी कम होगा।
नारियल खाने से मासिक धर्म खुलकर होता है।
तुलसी की जड़ को छाया में सुखाकर पीसकर चुटकी पावडर पान में रखकर खाने से अनावश्यक रक्त स्त्राव बंद होता है।
लड़कियों को मासिक धर्म के दिनों में सुबह भूखे पेट नींबू तथा नारंगी का रस पियें कारण ये पोटेशियम की कमी पूरी करता है दर्द वाले स्थान पर सेंक करें।
भोजन में मांसाहार कम से कम करें।
इन दिनों में अधिक तेल खटाई, मिर्च मसाला न खायें। खाली पेट दूध न पिये ऐंठन होगी।
हल्दी की 23 गांठ सिल पर पीस लें। 1 गिलास गाय के दूध में गुड डालकर स्टील के बर्तन में 23 उबाल दें और ठंडा कर पी जायें। मासिक धर्म खुलकर आयेगा। इसे एक माह तक पियें।
गन्ने का सीरा दवा का काम करता है ।
महिलाओं के स्वभाव पर इसका असर बुरा पडता है वो चिडचिडी हो जाती है्। इसके लिये अपने आहार में उचित मात्रा में कैल्शियम लें ,तिल के तेल का अधिक से अधिक सेवन करें, आयरन युक्त भोजन लें हरी साग सब्जिया ,मौसमी फल ,यदि आप पहले से ही एनिमिक है तो पहले उसे दूर करें । सुपाच्य तथा पौष्टिक भोजन करें। अधिक मिर्च मसाला , खटाई तथा तली चीजों से परहेज करें।
पीड़ादायक माहवारी का आप घर पर बिना औषधि से भी उपचार कर सकते हैं?
निम्नलिखित उपचार हो सकता है (1) अपने उदर के निचले भाग (नाभि से नीचे) गर्म सेक करें। ध्यान रखें कि सेंकने वाले पैड को रखे-रखे सो मत जाएं। (2) गर्म जल से स्नान करें। (3) गर्म पेय ही पियें। (4) निचले उदर के आसपास अपनी अंगुलियों के पोरों से गोल गोल हल्की मालिश करें। (5) सैर करें या नियमित रूप से व्यायाम करें और उसमें श्रेणी को घुमाने वाले व्यायाम भी करें। (6) साबुत अनाज,तिल, फल और सब्जियों जैसे मिश्रित कार्बोहाइड्रेटस से भरपूर आहार लें पर उसमें नमक, चीनी, मदिरा एवं कैफीन की मात्रा कम हो। (7) हल्के परन्तु थोड़े-थोड़े अन्तराल पर भोजन करें। (8) ध्यान अथवा योग जैसी विश्राम परक तकनीकों का प्रयोग करें। (9) नीचे लेटने पर अपनी टांगे ऊंची करके रखें या घुटनों को मोड़कर किसी एक ओर सोयें।
बहुत बहुत धन्यवाद् हमारी समस्या का समाधान करने के लिए