हुकमचंद, हरियाणा : दोस्तों हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जिस तरह से भ्रष्टाचारियों के पर काट रहे हैं और देश मे छुपा हुआ काला धन निकालने का प्रयतन कर रहे हैं इसे देख कुछ लोग उन्हें यह कार्य करने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं उनमें से देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां हैं।
अब यह एक बहुत बड़ा सोच का विषय बन चुका है कि आखिर यह राजनीतिक पार्टियां इस नोट बंदी का विरोध क्यों कर रही है ? जबकि देश के अधिकतर लोग नोट बंदी को अब तक का सबसे बड़ा कदम मान रहे हैं और नए भारत का उदय होना मान रहे हैं । काला धन निकलकर बाहर आ रहा है ।
जरा सोचो इन राजनीतिक दलों के विरोध का क्या कारण हो सकता है ? जो वह नोट बंदी का विरोध कर रहे हैं यह आज आम जनता के सोचने का विषय है।
मोदी जी का भाषण सुना उससे दिल को बहुत ठेस पहुंची जिसने मोदी जी अपने दिल का दर्द बयां कर रहे थे और जब उन्होंने कहा कि मेरी जान को खतरा है। तो दोस्तों बहुत दुख हुआ कि कोई भारत विरोधी ऐसा काम ना कर दे जिससे भारतवर्ष सालों सालों तक अपनी गलती का एहसास समझ कर अपने आप को माफ ना कर पाएं। हम सभी को जो भी अपने राष्ट्र से प्रेम करता है । आज मोदी जी के इस फैसले के साथ खड़ा होना पड़ेगा।
आज के हालात में मोदीजी की जान को कदम-कदम पर खतरा मंडरा रहा है सारी राजनीतिक पार्टियां उनके खून की प्यासी हो चुकी है और इस खतरे को मोदीजी भी भांप चुके हैं यहीं कारण है आज पहली बार उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक विरोधी मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे वो मुझे बर्बाद करने पर तुले है चाहे मुझे जिंदा ही क्यों न जला देना लेकिन मेरे होते हुए इस देश की एक-एक पाई का हिसाब लेकर रहूंगा।
आज उन्होंने भाषण समाप्ति के बाद जिस प्रकार लोगों का अभिवादन किया वो ऐसा लग रहा था जैसे कोई इंसान अपने जीवन पर होने वाले खतरे को महसूस कर रहा हो।
गद्दारों का अस्तित्व समाप्त करने के लिए मोदीजी अब अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं वे उनके द्वारा अब तक लूटी गई काली कमाई को बाहर निकालने के लिए चुनौती दे रहे हैं और कह रहे हैं कि वे किसी भी कालेधन वाले को छोड़ने वाले नहीं हैं।
देशहित में की गई कालेधन की कार्यवाही के बाद जिस तरह पूरा विपक्ष एक होकर अपनी कमाई बचाने के लिए मोदीजी पर हमले कर रहे हैं जिस कारण उनके कंगाल होने का खतरा मंडरा रहा है विपक्षियों की हताशा साबित कर रही है कि वह अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी हद से गुजरने को तैयार बैठे हैं।
नोट बंदी से ऐसा क्या हुआ की ममता अपने धुर विरोधी दल कम्युनिस्ट पार्टी से सहयोग मांग रही है। हमे सोचना होगा आखिर क्यों ?
मित्रो लग रहा हे कहीं न कहीं देश के गद्दार कोई बड़ा षड्यंत्र रच रहे हैं । देश कि जनता को भड़का कर उत्पात भी मचाया जा सकता है जिसका सबूत नमक, शक्कर जैसी चीजों की अफवाहें फैलाना है अभी तो मात्र 8 दिन हुए हैं आगे तो भगवान् ही मालिक है।
मित्रों मै ये बात इसलिए कह रहा हूँ कहीं देर न हो जाए, कुछ पाने से पहले ही हम सब कुछ न खो जाए उसके पहले ही हमें मोदी जी के साथ खड़े होना ही पडेगा। क्योंकि हमारी एकमात्र उम्मीद सिर्फ और सिर्फ मोदीजी ही है आज उनकी जान की कीमत मेरे जैसे हजारो लोगों से भी बढ़कर है। अब वक्त आ गया है कि हमे अपनी वैचारिक शक्ति के साथ साथ ताकत भी दिखाना आवश्यक हो गया है ।
विपक्षियों को अब अपनी ताकत दिखाने का वक्त आ गया है कृपया अपने अपने क्षेत्र में अपने सहयोगियों को साथ लेकर व्यवस्था परिवर्तन में सहयोग करें। जिससे देश के गद्दारों के हौसले को तोड़ा जा सके।