डॉ विवेक आर्य : मैं भक्त नहीं हूँ। विचारशील चिंतक,लेखक अवश्य हूँ। 2014 में मैंने मोदी जी का इसलिए समर्थन किया था क्यूंकि मनमोहन सरकार और उसके मंत्रियों के अहंकार का प्रतिउत्तर देने के लिए मुझे मोदी जी सही विकल्प लगे थे। 2019 में भी मैं मोदी जी का इसलिए समर्थन कर रहा हूँ क्यूंकि देशविरोधी ताकतें जिन्हें हम शहरी नक्सली कहते है राहुल गाँधी जैसे मुखौटे की आड़/संरक्षण में तमाम देशी विरोधी और धर्म विरोधी कार्य करेंगे। आज मोदी जी का विरोध करने वाली यह जमात कांग्रेस के राज में देश के संसाधनों पर बैठकर मौज उड़ायेगी और हिन्दुओं को आतंकवादी कहेगी। कश्मीर के अलगाववादियों को संरक्षण देगी और रोहिंगया मुसलमानों को देश में बसायेगी। आर्यों को विदेशी और गोरी-गजनी को अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया में महान लिखने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी के जीवन में से एक प्रामाणिक उदहारण आपको देता हूँ।
बचपन में मैंने पढ़ा था कि महामहिम नेहरुजी के कपड़े धुलने के लिए विशेष सरकारी विमान से पेरिस भेजे जाते थे। तब अचरज हुआ था कि एक गरीब देश में ऐसी फिजूलखर्ची के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना करने की बजाय इस बात को किसी उपलब्धि की तरह क्यों बताया जाता है।
आज मप्र के राज भवन (राज्यपाल का कार्यालय) की वेबसाइट पर यह एक और प्रसङ्ग पढ़ने को मिला-
“महामहिम नेहरूजी एक बार भोपाल पधारे। भोजन के बाद वे अपने पसंदीदा “555” ब्राण्ड से धूम्रपान किया करते थे। मप्र राज भवन के कर्मचारियों को जब पता चला कि महामहिम का पसंदीदा 555 ब्राण्ड राज भवन में उपलब्ध नहीं है, तो अफरातफरी मच गई। आनन फानन में एक विशेष विमान इंदौर रवाना किया गया ताकि साहब की पसंदीदा सिगरेट उनकी सेवा में हाजिर की जा सके।”
राजभवन की वेबसाइट पर मूल अंग्रेज़ी पाठ यह है-
“On a visit of Jawahar Lal Nehru to Bhopal, the Raj Bhavan staff realised that the favourite cigarette brand of Nehruji “555” was not available in the Raj Bhavan. Nehruji used to have a cigarette after his meals. The staff immediately sent a plane to Indore for air-lifting Nehruji’s favourite pack, which was kept ready at the Indore airport.”
कांग्रेसियों के ऐसे-ऐसे कारनामों से इतिहास भरा पड़ा है और फिर भी कोई कैसे उम्मीद कर सकता है कि मैं कांग्रेस का कभी समर्थन करूँ? आप हर बात को भाजपा और संघ की साज़िश बताकर बच नहीं सकते। आपकी ऐसी बकवास पर कोई मूर्ख ही भरोसा कर सकता है, कोई समझदार व्यक्ति नहीं। मैं तो बिल्कुल भी नहीं क्योंकि मैं मानसिक गुलाम नहीं हूँ। किसी को संघी, भक्त या भाजपा का एजेंट कहने से सच नहीं बदलता।
अब कुछ नमूने इस पोस्ट पर आकर बताएंगे कि मोदी का सूट कितने करोड़ का था और मोदी रोज सुबह कितने हजार का मशरूम खाते हैं।
ऐसे लोगों का भी स्वागत है क्योंकि पहले मुझे बहुत अचरज होता था कि इतनी बड़ी जनंसख्या होते हुए भी अपना देश सैकड़ों सालों तक गुलाम क्यों रहा, लेकिन ऐसे लोगों के कुतर्कों और बकवास के कारण ही मुझे उस सवाल का जवाब मिल सका है।
(http://governor.mp.gov.in/Guvs_Anecdotes.aspx)
अब सोचना आपको है।