अम्बा दत्त , अल्मोड़ा : बहुत से अंधभक्त यह कहते फिरते हैं की कॉंग्रेस के नेता राजीव गाँधी जी कंप्यूटर लाए , में उन अंधभक्तों को यह बताना चाहता हूँ की 1984 की जो अंधभक्त बात करते हैं उस समय श्री राजीव जी पूरे देश के प्रधानमंत्री थे उन्होने जो किया होगा अपनी समझ के हिसाब से देश हित का ही किया होगा।
दूसरी बात यह कहना गलत और राजीव जी की आत्मा को दुखाना होगा की श्री राजीव गांधी जी देश में कंप्यूटर लाए आपको हमारे देश में कंप्यूटर के विकास की कुछ सत्यता अवश्य जाननी चाहिए । भारत में सर्वप्रथम एनालॉग कंप्यूटर इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता में 1950 में लाया गया उसके बाद भारत ने 1953 में अपना एनालॉग कंप्यूटर बनाकर इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता में लगाया। सन 1956 में हॉलीरीथ इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर जिसे डिजिटल कंप्यूटर भी कहा जाता है इंग्लैंड से लाकर टेक्निकल इंस्टिट्यूट कोलकाता में लगाया गया उसके बाद 1958 में रसिया कंप्यूटर यूनाइटेड नेशन की ग्रांट द्वारा इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट में लाया गया। 1959 में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट विभाग में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी लाई गई थी ।
उसके बाद बहुत से भारतीय उद्योगपतियों ने कंप्यूटर का बिजनेस शुरू किया और पूरे संसार में अपना नाम कमाया ।
1968 : टाटा ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विस कंपनी शुरू की !!
1972 : पाटनी ने सॉफ्टवेयर ऑफशोरिंग बिजनेस शुरू किया !!
1978 : पाटनी ने औपचारिक रूप से पाटनी कंप्यूटर सिस्टम लॉन्च किया !!
1980 : विप्रो ने आईटी आउटसोर्सिंग बिजनेस शुरू किया !!
1981 : नारायण मूर्ति इंफोसिस शुरू की !!
उसके बाद 1984 में राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने, अब अंधभक्त यह कहते फिरते हैं की कॉंग्रेस के नेता राजीव गाँधी जी कंप्यूटर लाए, राजीव गांधी भारत में आईटी लाए, राजीव गांधी भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग लाए, भाइयो यह तो बतादो , तो क्या टीसीएस, पाटनी, विप्रो और इंफोसिस वाले अपना IT वर्क टाइपराइटर पर कर रहे थे ? हाँ भूतपूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी ने कंप्यूटर के विकास में भारत में बहुत तेजी लाई थी ।