प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा मैदान से ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के तहत देश भर में 500 स्थानों पर लाखों लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया और देश की विकास यात्रा में अवरोध उत्पन्न करने के लिए कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री देश के पांच सौ सेंटरों से सीधे जुड़े और उन्होंने देश के संसाधनों की रखवाली कर रहे विभिन्न वर्गों के लोगों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत 16 मार्च को इस अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद देश भर के तमाम लोगों ने इस अभियान में भाग लेते हुए अपने नाम के आगे ‘चौकीदार’ शब्द जोड़ा था।
2014 में जब मुझे सरकार चलाने का दायित्व सौंपा गया, तब मैंने देशवासियों से कहा था कि आप दिल्ली का दायित्व जो मुझे दे रहे हैं उसका मतलब है कि आप दिल्ली में अपना एक चौकीदार बैठा रहे हैं। मैंने तब कहा था कि मेरी ये कोशिश रहेगी कि मैं जनता के पैसे पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा। एक चौकीदार के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा
चौकीदार की न कोई व्यवस्था है, न किसी यूनिफॉर्म की पहचान है। यह किसी चौखट में भी बंधा हुआ नहीं है। ‘चौकीदार’ एक स्पिरिट है, एक भावना है। आज देश की जनता अपने चौकीदार को पसंद कर रही है। मुझे इस बात की खुशी है कि चौकादार का भाव निरंतर विस्तार होता जा रहा है
देश की जनता फिर से एक बार हमें देश की सेवा करने का मौका देने वाली है। मुझे खुशी है कि देश के युवा दूर की सोच कर चलते हैं। हम राजनेता तो अभी 11 अप्रैल को क्या होगा या 21 मई को क्या होगा, इसी में लगे पड़े हैं लेकिन देश की जनता तो शपथ के विषय में सोच रही है
बालाकोट मैंने नहीं, देश के जवानों और सुरक्षाबलों ने किया है। हम सबकी तरफ से उनको सैल्यूट। जहां तक निर्णय का सवाल है- अगर मोदी अपने राजनीतिक भविष्य का सोचता तो मोदी नहीं होता
अपने राजनीतिक हित और भलाई को नजर में रखकर फैसले करने होते तो मोदी की इस देश को कोई जरूरत नहीं होती। मोदी के लिए देश सबसे ऊपर है। सवा सौ करोड़ सबसे ऊपर हैं। मेरा अपना वैसै भी है क्या? आगे पीछे कोई चिंता नहीं रखी है
पूर्ण बहुमत वाली सरकार अपने आप में देश की बहुत बड़ी ताकत होती है। यह निर्णय मैं इसलिए कर पाया क्योंकि मुझे मेरी सेना के पराक्रम पर भरोसा है, उनके अनुशासन पर भरोसा है। इसलिए उनके हाथ में इतना बड़ा निर्णय देने की मेरे अंदर ताकत थी
जिन्होंने देश लूटा है उन्हें देश की जनता को पाई-पाई लौटानी पड़ेगी। आपने देखा होगा कि 2014 के बाद से आपकी मदद से मैं इन लोगों को जेल के दरवाजे तक तो ले गया हूँ। 2019 के बाद यह जेल के अंदर होंगे
आजादी के बाद हमने देश के लिए कुछ कर गुजरने के उद्देह्स्य से देश को सही दिशा दी होती तो आज स्थिति कुछ दूसरी होती। विकसित राष्ट्र के रूप में जगह पाने के लिए भारत के पास सबकुछ है, बस इच्छाशक्ति की कमी थी लेकिन अब भारत रुकने वाला नहीं है
यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि ‘मिशन शक्ति’ जैसी चीजें चुनाव के चश्मे से देखी जा रही है। ऐसा करने वाले दुनिया के केवल चौथे देश हैं। मान लीजिए कोई अपनी ताकत का इस्तेमाल कर हमारी सैटेलाइट गिरा दे, तो हमारी कई चीजें बंद हो जाएंगी। अब इसके लिए क्या वैज्ञानिकों को इंतजार करना चाहिए?
कांग्रेस का झूठ बड़ा सीजनल होता है। सीजन के हिसाब से वो झूठ बोलते हैं, फिर प्रचारित करते हैं। उनका झूठ का इकोसिस्टम है। उनके झूठ के उम्र भी ज्यादा नहीं है। कुछ झूठ ऐसे हैं जिन्हें वो खींच-खींचकर लंबा कर रहे हैं। आप सच बताते चलें, सच की ताकत इतनी होती है कि झूठ उसके आगे कभी भी नहीं टिक पाएगा
भारत रत्न भीमराव अंबेडकर का यदि किसी सरकार ने सबसे ज्यादा सम्मान किया है तो हमारे सरकार ने किया है। हमने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का कार्य किया है। अभी हम सामान्य गरीब वर्ग के लिए आरक्षण लाए। हमारा उद्देश्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ है
2013-14 में जब लोकसभा का चुनाव चल रहा था, तब मैं देश के लिए बिलकुल नया था लेकिन मेरे आलोचकों ने ही ज्यादातर मेरा प्रचार किया। मैं उनका तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं क्योंकि उन्हीं के कारण मेरे लिए देश में जिज्ञासा पैदा हुई थी कि आखिर यह इंसान है कौन?